(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जरूर जानें- ऑडी वाली अमीरजादी के अत्याचार का वायरल सच
नई दिल्ली: कहा जाता है कि प्रसव पीड़ा से बड़ा कोई दर्द नहीं होता. इस दर्द में दुश्मन भी दोस्त बन जाता है, लेकिन सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखने के बाद आपकी संवेदनाएं अपने चरम पर पहुंच जाएंगी. आप तकलीफ और गुस्से से भर उठेंगे.
क महिला प्रसव पीड़ा में तड़प रही है और दावा है कि एक ऑडी वाली अमीरजादी उसे अस्पताल नहीं पहुंचने दे रही है.
क्या है प्रसव पीड़ा में तड़पती महिला पर ऑडी वाली अमीरजादी के अत्याचार की हकीकत
यूपी के गाजियाबाद-मोदीनगर हाइवे पर बीच सड़क पर गाड़ी की अगली सीट पर एक महिला प्रसव पीड़ा में तड़प रही थी. अपनी मां को दर्द में तड़पता देख गाड़ी में पिछली सीट पर बैठी बच्ची सहमी हुई थी. गाड़ी सड़क के बीचोबीच खड़ी थी.
गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर कोई नहीं था. महिला बार बार हाथ आगे करके हॉर्न बजा रही थी. पर कोई नहीं सुन रहा था. गुजरते समय के साथ महिला का दर्द बढ़ता जा रहा था.
सड़क पर एक महिला दर्द में तड़पने पर मजबूर क्यों है?
आखिर क्यों पीड़ित महिला की गाड़ी की ड्राइविंग सीट खाली थी?
ऐसा क्या हुआ था कि महिला को दर्द में तड़पता छोड़कर गाड़ी चलाने वाले को जाना पड़ा?
पहले मामला क्या है ये समझिए-
दावा है कि यूपी के गाजियाबाद-मोदीनगर हाइवे नंबर 58 पर एक ऑडी सवार महिला ने प्रसव पीड़ा में तड़प रही एक महिला की गाड़ी की चाबी निकाल ली थी, क्योंकि अस्पताल जा रही गर्भवती महिला की गाड़ी से इस महिला की ऑडी को टक्कर लग गई थी. जिसके बाद गुस्से में आयी ऑडी वाली महिला ने आव देखा न ताव लपक कर पीड़ित महिला की गाड़ी की चाबी खींच ली.
दर्द में कराहती पीड़ित महिला का पति अपनी कार की चाबी लेने के लिए आरोपी महिला के पास गया. ताकि सही समय पर वो अपनी पत्नी को अस्पताल ले जा सके. दावा है कि तमाम मिन्नतें करने के बावजूद ऑडी वाली अमीरजादी चाबी वापस देने को तैयार नहीं थी.
हर पांच मिनट में हो जाती है एक गर्भवती महिला की मौत- WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर पांच मिनट में एक गर्भवती महिला की बच्चे को जन्म देते वक्त या फिर गर्भावस्था के दौरान मौत हो जाती है. अब आपको पता चल गया होगा कि प्रसव पीड़ा किसी महिला के लिए जिंदगी और मौत के बीच का वक्त होता है. जरा सी लापरवाही जान पर भारी पड़ती है.
गर्भवती महिला के बेहद दर्द में होने के बावजूद कार में बंधक रहने की मजबूरी क्या है ?जब उसे अस्पताल में होना चाहिए तब वो सड़क में क्यों चिल्ला रही है और कोई उसकी सुन भी नहीं रहा है?
इन तमाम सवालों का जवाब जानने के लिए एबीपी न्यूज ने वायरल वीडियो की पड़ताल शुरू की. वीडियो शेयर करते हुए दावा था कि ये घटना यूपी के गाजियाबाद की है.
हमने वीडियो की मदद से गाजियाबाद में वो चौराहे तलाशने की कोशिश की जहां ये घटना हुई थी. पड़ताल में पता चला कि ये घटना शुक्रवार यानि 27 जनवरी की गाजियाबाद के मोदीनगर पर नेशनल हाईवे 58 की है.
मामला बढ़ता देख वहां भीड़ जुट जाती है. महिला अपने साथ चाबी ले जाना चाहती थी. लेकिन जब भीड़ ने उन्हें वहां से चाबी ले जाने से रोका तो वह चाबी सड़क के बीच में फेंक कर चली जाती है.
इस वीडियो को देखने के बाद गुस्सा काबू करना मुश्किल हो जाता है. महिला तो दूर की बात ऑडी मालकिन में तो एक इंसान भी नहीं दिखता. आप कल्पना कीजिए कि ये भीड़ अगर नहीं रोकती तो ये महिला चाभी लेकर यहां से चली गई होती.
इस बीच एबीपी न्यूज लगातार उस गर्भवती महिला को ढूंढने की कोशिश कर रहा था. हम जानना चाहते थे कि वो महिला समय पर अस्पताल पहुंची या नहीं. वो महिला और उसका बच्चा ठीक है या नहीं. ये पड़ताल जारी थी और इस बीच हमने ऑडी की मालकिन को ढूंढने की कोशिश की.
ऑडी कार का नंबर UP 15 BX 8888 था. गाड़ी का नंबर वीआईपी था. ये ऑडी का ए4 मॉडल है. इस मॉडल की गाड़ियां 38 लाख से लेकर 45 लाख तक आती हैं. 38 लाख की ऑडी को 4.5 लाख की वैगनार ने टक्कर मारी थी. फर्क सिर्फ 34 लाख का नहीं था. इस 34 लाख के अंतर ने इंसान को शैतान बना दिया था.
ये गाड़ी किसके नाम पर रजिस्टर्ड है, ये जानने के लिए हमने वाहन सेवा का इस्तेमाल करते हुए गाड़ी का नंबर पर 7738299899 पर एसएमएस किया. वाहन से जवाब मिला गाड़ी मेरठ में अक्षित वाधवा के नाम पर रजिस्टर्ड है. इसलिए हमने पड़ताल का अगला हिस्सा मेरठ में शुरू किया.
एबीपी न्यूज संवाददाता ने मेरठ में अक्षित वाधवा को ढूंढने की कोशिश की. हमने मेरठ आरटीओ से संपर्क किया और जो पता मिला एबीपी न्यूज उस पते पर पहुंचा. ऑडी कार को रजिस्टर कराने के लिए जो पता दिया गया था, वहां सिर्फ एक खाली प्लॉट था. आसपास के लोग ना तो किसी अक्षित वाधवा को जानते हैं और ना ही किसी को उस प्लॉट की जानकारी है.
पड़ताल में सामने आया कि गाड़ी रजिस्टर करवाने के लिए एक खाली प्लॉट का पता दिया गया. जबकि नियम के मुताबिक, गाड़ी के लिए पता वो होना चाहिए जहां आप रहते हो. यानि जिस सफेद ऑडी ए4 को हम ढूंढ रहे थे उसके रजिस्ट्रेशन में भी नियम कानून के साथ खिलवाड़ किया गया है.
इस बीच हमें पता चला कि गर्भवती महिला सही सलामत अस्पताल पहुंच गई थी, लेकिन कौन से अस्पताल गई और वहां क्या हुआ ये पता नहीं चल पाया. हमने गाजियाबाद पुलिस से भी बात की. पुलिस ने कहा कि किसी ने शिकायत नहीं की है लेकिन वो खुद मामले का संज्ञान लेकर जांच करेंगे.
एबीपी न्यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो सच साबित हुआ है.