पानी की बोतल खरीदकर सेना की मदद करने का वायरल सच
दावे हैं कि सेना जल नाम से तैयार ये बोतल बंद पानी भारतीय सैनिकों की पत्नियों ने बनाया है जिसकी पूरी कमाई देश के शहीदों के परिवारों की बेहतरी के लिए खर्च की जाएगी.
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नई दिल्लीः आमतौर पर जिस पानी की बोतल को खरीदने के लिए 15-20 रुपये का खर्च आता है सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि अब आप वही पानी की बोतल सिर्फ 10 रुपये खर्च करके खरीद सकते हैं और सेना की मदद भी कर सकते हैं. दावा है कि सैनिकों की पत्नियों ने सेना जल नाम से बोतल बंद पानी बनाया है इस पानी की बोतल की बिक्री से हुई कमाई से शहीदों के परिवार की मदद की जाएगी.
दावा किया जा रहा है कि सेना जल नाम से तैयार बोतल बंद पानी भारतीय सैनिकों की पत्नियों ने बनाया है जिसकी पूरी कमाई देश के शहीदों के परिवारों की बेहतरी के लिए खर्च की जाएगी. सेना जल बाजार में मौजूद दूसरे बाकी बोतल बंद पानी से सस्ता होगा. यानि दावे की माने तो सिर्फ 6 रुपये खर्च करके आपको आधे लीटर पानी की बोतल मिल जाएगी और देश के सैनिकों और शहीदों के परिवारों की मदद भी हो जाएगी. सोशल मीडिया पर लोग एक दूसरे से सेना जल खरीदने की अपील करते हुए भावुक मैसेज लिख रहे है.
एबीपी न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल की सेना की भलाई होगी ये सोचकर हर कोई इस खबर को फैला रहा है और अपने स्तर पर सेना की मदद करने की कोशिश कर रहा है लेकिन सोशल मीडिया पर जिस चीज को लेकर इतना डंका पीटा जा रहा है वो सच में है या नहीं ये जानने के लिए एबीपी न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल की.
आवा ने शुरू किया सेना जल पड़ताल में सेना मुख्यालय के एक बड़े अधिकारी ने एबीपी न्यूज को बताया कि सेना जल आर्मी वाइफ्स वेलफेयर एसोसिएशन यानि आवा ने शुरू किया है. आवा भारतीय सेना से जुड़ी एक गैर-लाभकारी संस्था है जिसमें सैनिकों की पत्नियां सदस्य होती हैं और थलसेना प्रमुख की पत्नी इसकी प्रमुख होती हैं. आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन यानि आवा सैनिकों की पत्नियों, परिवार और बच्चों की देखभाल के लिए बनाया गया है. शहीद सैनिकों की पत्नी और बच्चों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए आवा सेटंर्स में सैनिकों के परिवार वाले लघु उद्योगों की तरह उत्पाद तैयार करते हैं और इसे सेना की कैंटीन में बेचा जाता है.
ये पानी फिलहाल भारतीय सेना के कार्यक्रमों में ही मिला करेगा. इस पानी के इस्तेमाल के लिए सेना की यूनिट्स और रेजीमेंट आवा को पैसा भी देंगी जिसे आवा सैनिकों के कल्याणकारी योजनाओं में लगाएगा.
एबीपी न्यूज की पड़ताल में सामने आया-
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लॉन्च होने के बाद से सेना जल के करीब 4000 बोतलें एक महीने में बिक रही थी लेकिन सोशल मीडिया पर आने के बाद से इसकी बिक्री बढ़कर करीब 9000 बोतलें प्रति महीना हो गई है. ऐसे में हमारी पड़ताल में सैनिकों की पत्नियों के सेना जल बनाने का दावा सच साबित हुआ है लेकिन ये बाजार में नहीं बिकेगा इसलिए ये आम जनता के लिए नहीं है.
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