सच क्या है?
वीडियो के मुताबिक, जिस व्यक्ति को आईएएस आफिसर बताया जा रहा है, वह वहां मौजूद लोगों को जूठन में पड़े खाने से जुड़ी कुछ बातें बताता है. वह कहता है, ‘’लोगों को वहम है कि इससे बीमारी हो जाएगी, इन्फेक्शन हो जाएगा, ये सब गलत है. इन्फेक्शन तब होता है जब शरीर के अंदर जहर होता है. अगर शरीर के अंदर जहर नहीं है तो कोई इन्फेक्शन नहीं होता. अगर मैं इसको खा भी जाऊं तो भी मेरा पेट खराब नहीं होगा.’’
फरीदाबाद में आईएएस हैं प्रवीण कुमार
एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में पता चला कि वीडियो में मौजूद शख्स कोई और नहीं बल्कि प्रवीण कुमार हैं जो फरीदाबाद में रहते हैं और हरियाणा में पुरातत्व विभाग के निदेशक भी हैं.
आईएएस अधिकारी प्रवीण कुमार से जब झूठन बटोरने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘’ मैं फरीदाबाद की सड़कों और होटलों में पड़े जूठन को हर रात बटोरता हूं और उसे सड़क पर घूम रहे भूखे आवारा पशुओं को खिला देता हूं.’’
जानवरों की भूख मिटाने के लिए ये सब करते हैं आईएएस प्रवीण
जब उनसे पूछा कि आखिर ये काम करने का विचार उनके मन में क्यों आया? तो उन्होंने कहा, ‘’होटलों में कूड़े के ढेर में जूठन उन जानवरों की भूख मिटा सकती है, जिनकी भूख के कारण सडकों पर ही मौत हो जाती है.’’
आईएएस प्रवीण कुमार के इस सराहनीय कदम से ना सिर्फ सड़क पर भूखे पड़े रहने वाले जानवरों की भूख मिट रही है, बल्कि उनकी जान भी बच रही है. इतना ही नहीं, जो खाना कूड़े के ढेर में सड़ जाता था, अब वहीं खाना किसी बेजुबान जानवर की जान बचा रहा है.
हमारी पड़ताल में एक आईएएस अधिकारी के घर और होटल के बाहर जूठन जुटाने का दावा सच साबित हुआ है.