जानें- मोबाइल की घंटी से पॉपकॉर्न बनाने का वायरल सच
नई दिल्ली: इन दिनों सोशल मीडिया पर मोबाइल की घंटी से पॉपकॉर्न बनाने के कई वीडियोज़ वायरल हो रहे हैं. इन वीडियोज़ में दावा किया जा रहा है, ‘एक मेज पर कुछ भुट्टे के दाने रखे जाते हैं और फिर एक-एक कर वहां मौजूद लोग अपना मोबाइल फोन भुट्टे के दानों के किनारे रख देते हैं. उसके बाद मोबाइल पर रिंग करके घंटी बजाई जाती है. ऐसा लगता है कि फोन बजने के साथ वाइब्रेट भी हो रहा है. बस फिर कुछ सेकेंड के भीतर भुट्टे के दाने भी हवा में उछलने लगते हैं और पॉपकार्न बनकर वापस लौटते हैं.’
ये वीडियोज़ नहीं बल्कि सबूत हैं जो मोबाइल की घंटी से भुट्टे के दाने को पॉपकॉर्न बनाने का दावा कर रहे हैं. लेकिन वीडियो डराता भी है और वो इसलिए अगर मोबाइल भुट्टे के दाने को पॉपकॉर्न बनाने की ताकत रखता है तो सोचिए ये आपके शरीर के लिए कितना खतरनाक हो सकता है.
हालांकि कुछ वीडियो हमें ऐसे भी मिले जिसमें मोबाइल की घंटी से पॉपकॉर्न वाला प्रयोग सफल होता नहीं दिख रहा था. वीडियो में उसी तरीके से भुट्टे के दानों को मोबाइल फोन के बीचों बीच रखा गया. घंटी बजी वाइब्रेशन हुआ. इंतजार भी किया. लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसलिए हमने जेएनयू के जियोफिजिसिस्ट डॉ सौमित्र मुखर्जी से संपर्क किया.
डॉ सौमित्र मुखर्जी ने हमें बताया कि मकई के दाने में नमी होती है. जब इन दानों को माइक्रोवेव के भीतर या कुकर में रखा जाता है तो पानी सुखाकर एक गैस क्रिएट होती है उस गैस के प्रेशर से मकई के दाने फूटते हैं और पॉपकॉर्न बनते हैं. लेकिन वीडियो में जो होता हुआ दिखाया जा रहा है वो संभव नहीं है क्योंकि अगर मोबाइल फोन के जरिए इतनी गर्मी पैदा होती कि वो मकई के दाने की नमी सुखा सके और वहां गैस क्रिएट कर सके तो आसपास की चीजों पर भी असर पड़ता.
मुमकिन है कि वायरल वीडियो में जिस मेज पर भुट्टे के दाने रखे गए हैं, उसके नीचे गर्म करने वाली कोई चीज छिपा कर रखी गई हो या फिर वीडियो एडिटिंग के जरिए वो दिखा दिया गया जो असल में हो ही नहीं रहा था.
एबीपी न्यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो झूठा साबित हुआ है.
देखें वीडियो