नई दिल्ली: भारत में हुई नोटबंदी ने दाऊद को बर्बादी की कगार पर ला दिया है. दिल्ली में एक्शन से कराची में कयामत आई हुई है. अपनी दहशत से लोगों की नींद उड़ाने वाले अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की नींद हराम हो चुकी है. इन लाइनों को पढ़कर आप कुछ भी अंदाजा लगाएं उससे पहले इसके पीछे की वजह जरूर जान लें.


ये सब बातें इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया पर दावा है कि दाऊद के लिए नकली नोट छापने वाला उसका सरगना जावेद खनानी नोटबंदी से इस कदर बर्बाद हुआ कि उसने आत्महत्या करने का फैसला कर लिया.


इन तमाम दावों के पीछे है ये मैसेज जो फेसबुक और वॉट्सऐप पर सबसे ज्यादा चर्चा में है. पहले आपको बतातें हें वो सभी चौंकाने वाले दावे जो इस मैसेज में किए जा रहे हैं.


सबसे पहला दावा है कि पाकिस्तान में छपने वाले नकली भारतीय नोटों की सप्लाई करने वाले सरगना जावेद खनानी ने कराची के साइना टावर से कूद कर आत्महत्या कर ली.


दूसरा दावा ये है कि खनानी कराची में खनानी एंड कालिया इंटरनेशनल नाम की मुद्रा बदलने के व्यवसाय की आड़ में नकली भारतीय नोट को भारत भेजने का काम करता था. वो दाऊद इब्राहिम, आईएसआई, लश्कर और हक्कानी समूह के लिए पैसे जुटाता था और हवाला के जरिए नकली भारतीय नोट भारत में भेजता था.



तीसरा दावा है कि जिसके मुताबिक 8 नवंबर को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पास भारतीय अर्थव्यवस्था का लगभग 150 फीसदी मुद्रा छापने का कच्चा माल उपलब्ध था जो कि 8 नवंबर की रात कचरे का ढेर बन गया था.


आखिरी और चौथा दावा ये कि जावेद खनानी ने दाऊद के नेटवर्क के जरिए 40 हजार करोड़ की नकली मुद्रा भारत में डाल चुका है और आत्महत्या करते समय उसके पास 20 हजार करोड़ के नकली नोट मौजूद थे.


ये दावे चौंकाने वाले हैं क्योंकि शायद इससे पहले कभी ऐसी कोई खबर आई हो कि बर्बादी के डर से डॉन के आदमी से खुदकुशी की कोशिश की है. यही वजह है कि ये दावा चौंका भी रहा है और सबका ध्यान भी खींच रहा है.


इस दावे का सच जानने के लिए एबीपी न्यूज ने वायरल मैसेज की पड़ताल की. हमें पड़ताल में सबसे पहले पाकिस्तान अखबार की खबरें मिलीं. पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने छापा, ''पुलिस के मुताबिक इमारत से गिरने की वजह से जावेद खनानी की मौत हो गई है''.


अखबार के बाद पाकिस्तानी चैनलों ने ऐसी खबर दिखाई. चैनल ने कहा जावेद खनानी की गिरकर मौत. पाकिस्तानी मीडिया में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि जावेद खनानी की मौत हुई और वो बिल्डिंग से गिर कर मरा. पाकिस्तानी चैनल की एक और रिपोर्ट मिली जिसमें ये बताया जा रहा था कि उस दिन खनानी के साथ क्या हुआ था.


इन सवालों का जवाब ढूंढने के लिए एबीपी न्यूज़ ने सबसे पहले ये जानने की कोशिश की जावेद खनानी क्या वाकई हवाला के जरिए नकली नोट भारत भेज रहा था?


हमारी पड़ताल में पता चला कि जावेद खनानी काफी वक्त से पाकिस्तान में रहकर हवाला कारोबार का काम करता था. उसकी गिनती पाकिस्तान के बड़े हवाला कारोबारी के तौर पर की जाती थी. भारतीय खुफिया एजेंसियों को खनानी के काले कारोबार का काफी पहले से जानकारी है.


भारत की खुफिया एजेंसी रॉ की फाइलों में खनानी का नाम दाऊद इब्राहिम के फ्रंट के तौर पर दर्ज है. फ्रंट यानि दाऊद खुद पर्दे के पीछे रहता था और जावेद खनानी को आगे रखकर उसकी फॉरेन एक्सचेंज कंपनी से काले कारोबार की कमाई को सफेद करता था.


साल 2008 में पाकिस्तान की फेडरेल एंवेस्टीगेशन एजेंसी ने जावेद खनानी और उसके भाई अल्ताफ के खिलाफ मनी लान्ड्रिग का केस दर्ज किया था. उन दोनों पर आरोप था कि वो पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में चल रहे कैश को विदेशों में भेजते थे. जिसकी वजह से पाकिस्तान की करेंसी में भारी गिरावट आई और एक्सचेंज में खनानी की कंपनी को मोटा मुनाफा हुआ.


माना जाता है कि जावेद खनानी और उसकी कंपनी का पाकिस्तान के मनी एक्सचेंज के कुल कारोबार पर 40 फीसदी तक कब्जा था. इसी मनी एक्सचेंज की आड़ में उसकी कंपनी कालेधन को सफेद करती थी. सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि इस पैसे को जावेद खनानी टेरर फाइनेंसिग यानि आतंक फैलाने के लिए मुहैया कराता था. ये पैसा दाऊद इब्राहिम, लश्कर ए तैयबा, हाफिज सईद और हक्कानी नेटवर्क को आतंक फैलाने के लिए मुहैया कराया जाता था.


भारतीय खुफिया एंजेंसियों को पूरा शक था कि खनानी भारत मे नकली नोटों की सप्लाई भी करता था. जावेद खनानी और उसके भाई अल्ताफ की कंपनी खनानी एंड कालिया के नाम से जानी जाती है. इनका हेड ऑफिस कराची में था और कंपनी के दफ्तर पूरे पाकिस्तान में. और सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं पूरी दुनिया में खनानी एंड कालिया कंपनी का नेटवर्क था.


पाकिस्तान में 2008 में गिरफ्तार हुआ जावेद खनानी कोर्ट में बरी हो गया लेकिन 2015 में एक बार फिर उस पर केस दर्ज हुआ. अभी ये केस चल ही रहा था कि सितंबर 2015 में अमेरिका में जावेद खनानी का भाई अल्ताफ गिरफ्तार कर लिया गया. अल्ताफ को अमेरिका की इंफोर्समेंट एजेंसी ने एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद गिरफ्तार किया था. उस पर अमेरिका में मनी लांड्रिंग के करीब एक दर्जन मुकदमे दर्ज किए गए थे पिछले महीने यानि नवंबर 2016 में अल्ताफ ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.


एबीपी न्यूज को अपनी पड़ताल में अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट का वो बयान मिला जिसमें अल्ताफ और जावेद खनानी के पूरे दुनिया में फैले काले साम्राज्य का काला चिठ्ठा दर्ज था. उसमें लिखा था कि ये दोनों भाई पूरी दुनिया में ड्रग्स और संगठित अपराध यानि ऑर्गेनाइज्ड-क्राइम फैलाने के लिए फाईनेसिंग करते हैं. उनके दुनियाभर मे फैले दफ्तरों और संपत्ति की जब्त करने जैसे आदेश लिखे गए थे. किसी भी अमेरिकी नागरिक को उनसे किसी भी तरह कि कोई भी संबंध या फिर लेनदेन और कारोबार ना करने की हिदायत दी गई थी.

कराची पुलिस का दावा है कि जावेद खनानी की रहस्यमय मौत की जांच की जा रही है. उसकी मौत आत्महत्या या फिर हत्या या फिर एक हादसा अभी तक ये साफ नहीं है. अमेरिका में हाल ही मे हुए मुकदमें और कारवाई से जावेद खनानी के कारोबार पर बड़ी मार पड़ी थी. लेकिन क्या उसकी मौत भारत मे नोटबंदी से जुड़ी है इस पर साफ साफ कुछ भी नही कहा जा सकता है. लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसी रा के पूर्व अधिकारी आर के यादव के मुताबिक नोटबंदी ने इनकी कमर तोड़कर रख दी थी.


एबीपी न्यूज की पड़ताल में सामने आया है कि जावेद खनानी मर चुका है. हत्या या आत्महत्या इस पर जांच चल रही है. जावेद खनानी आतंकियों को पैसा मुहैया कराता था और नोटबंदी ने इनके काले धंधे की कमर तोड़ दी थी.


एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में वायरल मैसेज में लिखे इस दावे की पुष्टि नहीं हो सकी कि जावेद खनानी की हत्या हुई या फिर आत्महत्या या हादसा और मौत के वक्त खनानी के खजाने में 20 हजार करोड़ की नकली भारतीय मुद्रा थी या नहीं. ऐसे में ये वायरल मैसेज आधासच साबित हुआ है.