नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर हर रोज कई फोटो, वीडियो और मैसेज वायरल होते हैं. वायरल हो रहे इन फोटो, वीडियो और मैसेज के जरिए कई चौंकाने वाले दावे भी किए जाते हैं. ऐसा ही एक दावा सोशल मीडिया पर सनसनी बढ़ा रहा है. सोमवार को देश के 12 राज्यों में दलितों ने भारत बंद बुलाया था. इस बंद के दौरान 14 राज्यों में हिंसा हुई. इस हिंसा में करोड़ों का नुकसान हुआ और नौ लोगों की जानें चली गईं. इस हंगामे के बीच सोशल मीडिया पर तीन तस्वीरों के जरिए ये साबित करने की कोशिश की जा रही है कि विरोध प्रदर्शन कर रहे दलितों ने बीच सड़क पर एक पुलिसवाले को पीट-पीट कर मार डाला.
क्या दावा कर रहा है सोशल मीडिया?
इन तस्वीरों को शेयर करते हुए मैसेज में लिखा है, ''बेहद दुखद खबर. राजस्थान के जोधपुर के महेंद्र जाट को विनम्र श्रद्धांजलि. महेंद्र जाट जो कल दलितों से लड़ते-लड़ते शहीद हो गए.''
क्या है वायरल दावे का सच?
एबीपी न्यूज़ ने वायरल तस्वीरों की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में पता चला कि महेंद्र चौधरी दलित आंदोलन के बंदोबस्त में लगे थे. इस दौरान उन्हें हार्टअटैक आ गया जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन मौत हो गई. लेकिन अब तक किसी ने भी महेंद्र चौधरी की पिटाई की वजह से मौत की बात नहीं कही.
एबीपी न्यूज़ ने जब अपनी पड़ताल आगे बढ़ाई तो पता चला तीनों तस्वीरों का रिश्ता कानपुर से है. मामला पिछले साल जून महीने का है. जब एक नाबालिग लड़की को सीढ़ियों से गिरने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
लड़की 15 जून को अस्पताल में भर्ती करवाई गई थी जिसके दो दिन बाद यानि 17 जून को लड़की और उसके परिवार वालों ने अस्पताल के एक वॉर्ड बॉय पर नशीली दवा वाला इंजेक्शन लगाकर उसका रेप करने का आरोप लगाया.
पुलिस में मामला दर्ज कर आरोपी वॉर्ड बॉय को गिरफ्तार कर लिया. परिजन वॉर्ड बॉय की गिरफ्तारी से संतुष्ट नहीं थे. वे अस्पताल सील करने की मांग कर रहे थे. इस मांग पर भीड़ ने हिंसा की तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया और फिर सामने आईं ये तस्वीरें.
इसलिए हमारी पड़ताल में सब इंस्पेक्टर महेंद्र चौधरी की मौत के साथ पेश की जा रही पिटाई की ये तीनों तस्वीरें झूठी साबित हुई हैं.