क्या है दावे का सच?
एबीपी न्यूज़ ने दोपहर 1.30 बजे दिल्ली रेलवे स्टेशन पर वायरल तस्वीरों की पड़ताल की. दोपहर 1.30 बजे इसलिए क्योंकि इस वक्त जोहर की नमाज पढ़ी जाती है. यहां किताबों के स्टॉल पर बैठे एक शख्स ने बताया, कि प्लेटफॉर्म नंबर 4 और 5 पर जगह घेरी गई है, लेकिन वहां कोई मस्जिद भी नहीं है.
इसके बाद प्लेटफॉर्म पर ही चाय की दुकान लगाने वाले विकास नाम के शख्स ने बताया, ‘’यहां के कुली और यात्रियों के मिलाकर लगभग 10-12 लोग यहां नमाज पढ़ने आते हैं.’’
नमाज़ पढ़ने के लिए नहीं मिलती थी जगह- नितिन चौधरी
वहीं इस मामले में उत्तरी रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर नितिन चौधरी ने बताया, ‘’रेलवे में किसी भी धार्मिक अनुष्ठान के लिए जगह आरक्षित करने का कोई प्रावधान नहीं है. ना तो हम ऐसा करते हैं ना ही ऐसा करने की इजाजत देते हैं. उनके लिए कोई बक्से नहीं हैं ना ही बक्से आरक्षित किए गए हैं. घटना संज्ञान में आते ही हमने स्टेशन मैनेजर से बात की पता चला कि स्टेशन पर मौजूद कुलियों को भीड़ की वजह से नमाज पढ़ने के लिए जगह नहीं मिलती थी, इसलिए उन्होंने छोटी सी जगह पर नमाज पढ़ना शुरु कर दिया.’’
क्या कुलियों पर कोई कार्रवाई की गई है?
नितिन चौधरी ने आगे बताया, ‘’लोगों को परेशानी होने के बाद हमने कूलियों से अनुरोध किया. कुलियों ने हमारे अनुरोध को मान लिया है. कूलियों ने कहा है कि अबसे उस जगह पर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी. बातचीत से मसला सुलझा लिया गया है.’’
पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल तस्वीर में जो दिख रहा है और तस्वीर को लेकर जो कहा जा रहा है वो सच है लेकिन अब वहां से सारा सामान हटाया जा चुका है.
हमारी पड़ताल में नमाज के नाम पर रलवे स्टेशन पर कब्जे का दावा सच साबित हुआ है.