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जानें- राधे मां के दिमागी संतुलन बिगड़ने की अफवाहों का वायरल सच
प्रेस कार्यक्रम में राधे मां ऊंगली दिखाकर ऐसे बात करती हैं, मानो कोई धर्मगुरु या संत की प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं बल्कि किसी गली मुहल्ले की लड़ाई हो रही हो.
नई दिल्ली: खुद को देवी का अवतार कहने वाली राधे मां को लेकर एक बेहद चौंकाने वाला दावा किया जा रहा है. दावा है कि राधे मां का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है. दरसअल राधे मां का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वो ऐसे रूप में नजर आ रही हैं जैसा उन्हें पहले कभी नहीं देखा गया था.
जानें आखिर किस बात पर मीडिया के सामने ही रोने लगीं राधे मां
सनसनी मचा रहा है राधे मां का एक वीडियो
राधे मां का एक वीडियो सनसनी मचा रहा है. ये वीडियो राधे मां के एक कार्यक्रम का है. वीडियो के मुताबिक, जब राधे मां अपने कार्यक्रम में पूरे लाव लश्कर के साथ पहुंची तो सामान्य लग रही थीं और भक्त जयकारे लगा रहे थे. लेकिन इसके बाद राधे मां प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल के जवाब में कहती हैं, ‘’मैं संत नहीं हूं, मैं गुरु नहीं हूं, मैं साधु नहीं हूं, मैं राधे मां हूं.’’
... जब राधे मां ने दिखाया अंग्रेजी टीचर का 'अवतार'!
राधे मां की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुआ ड्रामा
इस दौरान एक पत्रकार से वह बहस भी करने लगती हैं और बौखला सी जाती हैं. राधे मां के साथ मौजूद लोग उन्हें शांत कराने की कोशिश करते हैं, लेकिन राधे मां ऊंगली दिखाकर ऐसे बात करती हैं, मानो कोई धर्मगुरु या संत की प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं बल्कि किसी गली मुहल्ले की लड़ाई हो रही हो.
राधे मां का दिमागी संतुलन ठीक है या नहीं?
कुछ दिनों पहले एबीपी न्यूज़ ने राधे मां से खास बातचीत की थी. इस दौरान उन्होंने बताया था कि एक डॉक्टर से उनका इलाज चल रहा है. लेकिन राधे मां का व्यवहार सामान्य है या नहीं? इस बारे में एबीपी न्यूज़ ने कैलाश अस्पताल के मनोचिकिस्तक डॉ जी आर गोलेचा से बात की. ऐसे व्यवहार के बारे में मनोचिकित्सक साफ कहते हैं कि अगर कोई इंसान खुद को भगवान के अवतार माने तो व्यवहार सामान्य नहीं कहा जा सकता.
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अशोक वानखेड़ेवरिष्ठ पत्रकार
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