नई दिल्ली: नोटबंदी के ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर अफवाहों की बाढ़ आयी है. रोजाना नई नई तस्वीरों और वीडियो के जरिए एक से बढ़कर एक दावे किए जा रहे हैं. आज भी हम के लिए ऐसे ही दावे की कहानी और उसका सच लेकर आए हैं.


सोशल मीडिया पर दावा है कि एक बीजेपी विधायक की बोलेरो गाड़ी से 20 हजार करोड़ की रकम बरामद की गई है. दावा चौंकाने वाला है क्योंकि रकम काफी बड़ी है और एक बीजेपी विधायक की बताई जा रही है. लेकिन इस दावे के पीछे सच क्या है एबीपी न्यूज़ ने की है इसकी पड़ताल.



इस कहानी को जानने के बाद आपके मन में कई सवाल आ रहे होंगे. हम आपके हर सवाल का जवाब ढूंढेंगे लेकिन उससे पहले आपको तफ्सील से वो कहानी बताते हैं जो फेसबुक से लेकर वॉट्सऐप तक की हेडलाइन बनी हुई है


सोशल मीडिया पर सुपर फास्ट एक्स्प्रेस की रफ्तार से एक तस्वीर शेयर की जा रही है. तस्वीर को शेयर करने वाले लिख रहे हैं. बीजेपी विधायक सुधीर गडगिल की बोलेरो कार से बरामद 20 हजार करोड़ के नए नोटों के बंडल ये साफ दर्शाते हैं कि इनको नोटबंदी के पहले रुपए भेज दिए गए थे


इस कहानी में तीन दावे हैं, पहला कि पैसा बीजेपी विधायक सुधीर गडगिल का है. दूसरा बीजेपी विधायक की गाड़ी में 2 हजार के नए नोटों वाली 20 हजार करोड़ की रकम मिली है और तीसरा नोटबंदी से पहले ही विधायक को रकम भेज दी गई थी.


इस पूरे दावे का सच जानने के लिए एबीपी न्यूज़ ने पहले ये जानने की कोशिश की बीजेपी में सुधीर गडगिल नाम के कोई विधायक हैं या नहीं. प़ड़ताल में पता चला कि सुधीर गडगिल महाराष्ट्र के सांगली से बीजेपी के विधायक हैं. यानि जो नाम बताया जा रहा है वो असली है और सही लेकिन जो कहानी बताई जा रही है वो कितनी सही है इसके लिए हमने महाराष्ट्र में आगे पड़ताल की.


हमारी पड़ताल में पता चला कि 14 नवंबर को महाराष्ट्र के परभणी से एक बोलेरो गाड़ी सांगली जा रही थी. उस गाड़ी उस्मानाबाद के तुलजापुर शहर के पास रोक कर तलाशी ली गई. गाड़ी में से जो कैश मिला उसे जब्त कर लिया गया. लेकिन यहां सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि गाड़ी से 20 हजार करोड़ नहीं 6 करोड़ रुपए मिले थे.


अब आगे की कहानी सुनिए. तस्वीर में गुलाल से रंगे हुए ये गणेश गडगिल हैं. गणेश गडगिल सुधीर गडगिल के भाई हैं और सांगली अर्बन बैंक के चेयरमैन हैं. और रकम जब्त होने के अगले ही दिन 15 नवंबर को गणेश गडगिल ने दावा किया था कि ये रकम उनके बैंक की है. ये है प्रेस रिलीज की वो कॉपी.


आयकर विभाग के अधिकारी भी उनके बैंक की छानबीन कर चुके हैं. दरअसल जिस वक्त रकम जब्त की गई उस समय गाड़ी में बैंक का कोई अधिकारी मौजूद नहीं था. कोई सुरक्षाकर्मी भी नहीं था लेकिन गणेश गडगिल का दावा है कि गाड़ी बैंक की थी और ड्राइवर के पास आडी थी. रकम से जुड़े सारे कागजात भी गाड़ी में थे.


गणेश गडगिल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि बैंक की मराठवाड़ा के 6 जिले में 9 शाखाएं हैं. 8 नवंबर को 500-1000 के नोट बंद होने के बाद सभी शाखाओं में ये नोट जमा हुए. इनमें परभणी शाखा के 3 करोड़ रुपए थे और बाकी 3 करोड़ माजलगांव शाखा के.  गणेश गडगिल का दावा है कि उन्हें इस मामले में क्लीनचिट मिल चुकी है.


चुनाव के हिसाब से तुलापुर में गाड़ी रुकवा दी. गाड़ी के साथ बैंक के सारे डॉक्यूमेंट थे फिर भी शक होने पर उसे कब्जे में ले लिया. हमने सारे कागज दिखाए, पुलिस को अब शक नहीं है. इनकम टैक्स के हिसाब से देखने की बात कही है. इनकम टैक्ट अधिकारी भी कोल्हापुर हेडऑफिस और लातूर में आए थे. उनको सारा ब्योरा दिखाया, जिसके बाद उन्होंने क्लीनचिट दे दी.


यहां आपको एक बात और साफ कर दें कि जो नोट जब्त किए गए वो 2 हजार के नए नोट नहीं बल्कि 500-1000 और 100 रुपए के नोट थे. यानि पहला दावा कि पैसा बीजेपी विधायक सुधीर गडगिल का है ये झूठ है क्योंकि पैसा सुधीर गडगिल के भाई गणेश गडगिल के सांगली अर्बन बैंक का है.


दूसरा दावा कि गाड़ी में 20 हजार करोड़ थे और 2 हजार के नए नोट थे ये भी झूठ है क्योंकि गाड़ी में सिर्फ 6 करोड़ रुपए थे और 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट थे.


जहां तक तीसरा दावा है कि नोटबंदी से पहले विधायक को रकम भेज दी गई ये बाकी दोनो दावे झूठे होने के साथ खारिज हो गया है. इसलिए हमारी पड़ताल में बीजेपी विधायक की बोलेरो गाड़ी में 20 हजार करोड़ रुपए मिलने वाली खबर झूठी साबित हुई है.