नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर सुपरस्टार सलमान खान को लेकर किया जा रहा एक दावा सनसनी मचा रहा है. दावा है कि एक सुलभ शौचालय सलमान खान के सिर का दर्द बन चुका है. वो किसी भी कीमत पर उस सुलभ शौचालय को उखाड़ फेंकना चाहते हैं. लेकिन क्यों?
सलमान खान को परेशान करने वाले सुलभ शौचालय का सच क्या है?
सलमान खान स्वच्छ भारत अभियान की ना सिर्फ तारीफ करते हैं बल्कि उसका हिस्सा भी बनते हैं. ये दावा चौंकाता है क्योंकि सलमान खान मुंबई नगरमहापालिका के खुले में शौच के खिलाफ शुरू हुए अभियान का चेहरा बन चुके हैं. ऐसे में अगर शहर में कोई शौचालय बनेगा तो उससे सलमान खान को क्या समस्या हो सकती है?
दरअसल दावा ये है कि सलमान खान को शौचालय से इसलिए परेशानी है क्योंकि वो उनके घर के सामने बनाया जा रहा है. सलमान खान का घर मुंबई के बैंड स्टैंड इलाके में है. समंदर के पास का ये इलाका अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. सलमान खान और वहिदा रहमान जैसे कई बड़े सितारों का घर यहां है. बैंड स्टैंड एक टूरिस्ट स्पॉट भी है.
सलमान खान के घर के बाहर एक बिल्कुल नया नवेला शौचालय है. लेकिन ये शौचालय इस्तेमाल नहीं हो रहा है. ये शौचालय सलमान खान के घर से करीब 20 मीटर दूर है. सलमान खान ने मुंबई महानगर पालिका से अपने घर के बाहर बने इस शौचालय को हटाने की गुजारिश की है. लेकिन शौचालय हटाने और नहीं हटाने को लेकर मुंबई की मेयर और महानगर पालिका के अधिकारी आमने-सामने आ गए हैं.
मेयर सलमान की गुजारिश पर हरी झंडी दे दी है कि उनके घर के सामने से शौचालय हटा दिया जाए लेकिन महानगर पालिका प्रशासन इसके खिलाफ है और सार्वजनिक शौचालय को हटाने के पक्ष में नहीं है.
बैंड स्टैंड में रहने वाले वीआईपी लोगों का कहना है कि मुंबई महानगर पालिका की सोच तो अच्छी है लेकिन जगह गलत है. मुंबई के मेयर सलमान के पक्ष में हैं यानि वो उनके घर के सामने से शौचालय हटाने के लिए तैयार हैं जबकि बीएमसी कमिश्नर का कहना है कि शौचालय लगभग बन चुका है वो वहां से नहीं हटेगा.
मौजूदा स्थिति में मेयर शिवसेना की पार्टी के हैं इसलिए अगर शिवसेना मामले में दखल देकर कुछ बदलवाती है तो चीजें बदल सकती है वरना आखिरी फैसला मुंबई महानगरपालिका के कमिश्नर का ही होगा. यानि सलमान खान के घर के बाहर सुलभ शौचालय पूरा बनेगा और चलेगा फिर चाहे सलमान को पसंद आए या फिर ना आए.
एबीपी न्यूज की पड़ताल में सलमान खान को सुलभ शौचालय के परेशान करने वाला दावा सच साबित हुआ है.
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मुंबई में स्लम की 20 फीसदी आबादी के पास टॉयलेट नहीं!
मुंबई शहर के सात स्लम में हुए एक सर्वे में सामने आया था कि स्लम की करीब 20 फीसदी आबादी के पास टॉयलेट नहीं है. स्लम सैनिटेशन प्रोग्राम के आंकड़े बताते हैं स्लम में रहने वाले 24 लाख लोगों के लिए सिर्फ 79 हजार 542 टॉयलेट हैं और ये टॉयलेट शहरी स्लम में रहने वाले 37 फीसदी लोगों के लिए है यानि 63 फीसदी आबादी के लिए मुंबई जैसे हाई-फाई शहर में कोई टॉयलेट नहीं है. जबकि स्वच्छ भारत मिशन के दिशानिर्देशों के मुताबिक 30 लोगों के लिए एक टॉयलेट सीट होनी चाहिए. इस आधार पर शहर को करीब 1 लाख 36 हजार टॉयलेट चाहिए.