नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर कुछ दिन पहले दावा किया गया कि मोदी सरकार ने डालमिया भारत लिमिटेड ग्रुप के हाथ लाल किले को बेच दिया है और अब ये चर्चा शुरू हो गई है कि डालमिया ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए लाल किले के टिकट के दाम 20 रुपए से बढ़ाकर 75 रुपए कर दिए गए हैं.
क्या हैं दावे?
दरअसल फेसबुक और वॉट्सऐप पर जोरशोर से दो दावे किए जा रहे हैं. पहला, मोदी सरकार ने डालमिया भारत ग्रुप को लाल किला 25 करोड़ में बेच दिया. दूसरा दावा है कि लाल किले का नया मालिक बनने के बाद डालमिया ने अपनी जेब भरने के लिए 20 रुपए का टिकट 75 रुपए का कर दिया.
पहले दावे का सच क्या है?
27 सितंबर 2017 को विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने ‘एडॉप्ट ए हेरीटेज' यानि अपनी धरोहर अपनी पहचान योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत एतिहासिक धरोहरों को रखरखाव के लिए गोद लिया जा सकता है. ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ योजना के तहत ही डालमिया भारत लिमिटेड से केंद्र सरकार ने पांच साल का अनुबंध किया गया है.
डालमिया ग्रुप से करार पर सरकार को ही फायदा
अनुबंध के तरत डालमिया ग्रुप से 25 करोड़ रुपये का करार हुआ है. यानि हर साल डालमिया ग्रुप लाल किले के सौंदर्यीकरण और रखरखाव पर पांच करोड़ खर्च करेगा. इस करार से सरकार को आर्थिक रूप से फायदा होगा, क्योंकि सरकार रखरखाव पर होने वाले खर्च से बच जाएगी.
डालमिया भारत लिमिटेड सीएसआर यानि ‘कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी’ के तहत ये करेगा. सीएसआर में हर कॉरपोरेट कंपनी को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कमाई का छोटा हिस्सा खर्च करना होता है.
पर्यटन मंत्रालय की 'एडॉप्ट ए हेरीटेज' स्कीम देश भर के 100 ऐतिहासिक स्मारकों पर लागू की गई है. इसमें ताजमहल, कांगड़ा फोर्ट, सती घाट और कोणार्क मंदिर जैसे कई प्रमुख स्थान हैं.
दूसरे दावे का सच क्या है?
दिल्ली पर्यटन की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, लाल किले में भारतीयों के लिए एंट्री फीस 35 रुपए और विदेशी नागरिकों के लिए एंट्री फीस 500 रुपए है. लेकिन दिल्ली पर्यटन की हिंदी की वेबसाइट पर मौजूद टिकट के दाम ने कंफ्यूजन पैदा कर दिया. यहां लिखा था, ‘भारतीयों के लिए एंट्री फीस 10 रुपए और विदेशी नागरिकों के लिए एंट्री फीस 250 रुपए.’
कितने का है लाल किले का टिकट?
एबीपी न्यूज़ की टीम जब लालू किले के टिकट काउंटर पर पहुंची तो उसे प्रवेश शुल्क के नाम पर 30 रूपये देने पड़े. इतना ही नहीं एबीपी न्यूज़ ने लाल किले पर मौजूद पर्यटकों से बातचीत की तो सभी ने एक सुर में कहा है कि उन्हें लाल किले में प्रवेश शुल्क के नाम पर 30 रूपये देने पड़े. यानि एंट्री टिकट ना तो 10 रूपए का है ना ही 35 रुपए का.
टिकट की कमाई से डालमिया ग्रुप का कोई लेना देना नहीं
लाल किले में टिकट से जो भी कमाई होगी वो एएसआई यानि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के जरिए सरकार के पास ही जाएगी. टिकट की कमाई से डालमिया ग्रुप का कोई लेना देना नहीं है. डालमिया ग्रुप पांच साल के लिए 25 करोड़ रुपए सरकार को चुकाएगा. डालमिया ग्रुप ऐसा सीएसआर के तहत करेगा इसलिए उसे लाल किले से किसी तरह का कोई फायदा नहीं होगा.
पड़ताल में लाल किले को बेचे जाने का दावा भी झूठा साबित हुआ है और टिकट महंगा करके डालमिया की जेब भरे जाने का दावा भी झूठा साबित हुआ है.