नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर इन दिनों दो तस्वीर तेजी से वायरल हो रही हैं. इन दो तस्वीरों को हिंदू और मुसलमान के बीच नफरत फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. दावा है कि एक मुस्लिम कांग्रेस नेता ने पहले तो महिला से राखी बंधवाई फिर उसका रेप किया. जानें इस दावे की सच्चाई क्या है?


वायरल तस्वीरों में क्या है?




  1. पहली वायरल तस्वीर में एक हिंदू महिला मुस्लिम युवक की कलाई में राखी बांध रही है.

  2. दूसरी वायरल तस्वीर में एक महिला घायल अवस्था में अस्पताल के बिस्तर पर लेटी हुई है.


तस्वीरों के साथ वायरल हो रहे मैसेज में लिखा जा रहा है, ‘’उत्तर प्रदेश के गोंड़ा में हिंदू महिला ने कांग्रेस नेता गफूर को अपना भाई माना और राखी बांधी थी. 27 अगस्त सोमवार को गफूर खान ने महिला को काम के सिलसिले में घर बुलाया और उसका बलात्कार करके पिटाई करके घर से भाग दिया.’’ मैसेज में मुस्लिम व्यक्ति को कांग्रेस नेता बताया जा रहा है.


पहली तस्वीर की सच्चाई


इंटरनेट पर पड़ताल के दौरान पता चला कि एक मुस्लिम युवक राखी बांधती हिंदू महिला की ये तस्वीर साल 2017 यानि एक साल पहले भी पोस्ट हुई थी. लेकिन तब इसकी कहानी नफरत नहीं प्यार और विश्वास पैदा करने वाली थी. साल 2017 में इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा गया था, ‘’कुछ रिश्ते मजहब से बढ़कर होते हैं. मोहब्बत और नफरत का कोई धर्म नहीं होता. अनेकता में ही एकता है.’’



दूसरी तस्वीर की सच्चाई


सोशल मीडिया पर जिस तस्वीर को बलात्कार के बाद की तस्वीर बताकर पेश किया जा रहा है असल में वो साल 2016 में ली गई तस्वीर है. एसोसिएट प्रेस की वेबसाइट पर भी ये तस्वीर पोस्ट की गई है. तस्वीर 21 नवंबर 2016 को पोस्ट हुई है और तस्वीर खींचने वाले का नाम राजेश कुमार सिंह है.


अस्पताल के बिस्तर पर लेटी घायल महिला की तस्वीर असल में 20 नवंबर 2016 की है. जब कानपुर के पुखरायां में पटना-इंदौर एक्सप्रेस के ट्रैक से उतरने की वजह से बड़ा हादसा हो गया था. इस रेल हादसे में करीब लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.


पड़ताल में सामने आया कि जिन तस्वीरों को आज का बनाकर पेश किया जा रहा है. असल में वो दोनों तस्वीरें पुरानी हैं. एक तस्वीर साल 2017 की है जो हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल के तौर पर पेश की गई तो दूसरी तस्वीर साल 2016 में एख रेल हादसे में घायल हुई महिला की है.


यानि पुरानी तस्वीरों का गलत इस्तेमाल करके देश में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रहा है और इन तस्वीरों और वायरल मैसेज का आपस में कोई रिश्ता नहीं है. वायरल सच पड़ताल के आधार पर राखी बंधवाकर रेप करने वाले कांग्रेस नेता का दावा झूठा साबित हुआ है.





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