नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर हर रोज कई फोटो, वीडियो और मैसेज वायरल होते हैं. वायरल हो रहे इन फोटो, वीडियो और मैसेज के जरिए कई चौंकाने वाले दावे भी किए जाते हैं. ऐसा ही एक दावा चिट्ठी की शक्ल में सोशल मीडिया पर सनसनी मचा रहा है.
क्या दावा कर रहा है सोशल मीडिया?
सोशल मीडिया पर वायरल चिट्ठी के जरिए दावा किया जा रहा है कि अगर पेट्रोल टैंक में पानी चला गया तो गाड़ी का इंजन खराब हो सकता है.
क्या है लिखा है वायरल हो रही चिट्ठी में?
वायरल हो रही चिट्ठी में लिखा है, ''भारत सरकार के निर्देशों के मुताबिक पर्यावरण के लिए की गई पहल के तहत पेट्रोल में अब 10 फीसदी एथेनॉल होता है. वाहन चालकों को ये सलाह दी जाती है कि पेट्रोल किसी भी तरह से पानी के संपर्क में ना आए. ऐसा गाड़ी की धुलाई और बारिश के वक्त हो सकता है.''
वायरल चिट्ठी में आगे लिखा है, ''पानी की बहुत कम मात्रा भी पेट्रोल में मौजूद एथेनॉल को अलग करने के लिए काफी है. इससे एक लेयर बन जाती है जो कार और बाइक के पेट्रोल टैंक की निचली सतह पर जमा हो जाती है. अगर ऐसा हुआ तो आपकी गाड़ी के स्टार्ट होने में समस्या आएगी और चलती गाड़ी बीच-बीच में झटके भी खाएगी.''
आखिर में लिखा है कि हम पेट्रोल डीलर्स इस मामले में बहुत सावधानी बरत रहे हैं और वाहन चालकों से भी सावधानी बरतने की अपील करते हैं. सबसे नीचे पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन मुंबई का नाम लिखा हुआ है.
क्या है वायरल दावे की पड़ताल?
एबीपी न्यूज़ ने वायरल दावे की पड़ताल में मुंबई में ही की. मुंबई में पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि शिंदे ने बताया, ''पूरे देश में e-10 पेट्रोल मिल रहा है यानि पेट्रोल में 10 फीसदी एथेनॉल मिला हुआ है. ये फैसला सरकार ने इसलिए लिया है क्योंकि ये गाड़ियों के प्रदूषण के साथ-साथ कच्चे तेल के आयात में होने वाले खर्च को भी कम करता है.''
रवि शिंदे ने आगे बताया, ''सामान्य पेट्रोल जो आता था उसमें पानी आ गया तो फर्क नहीं पड़ता था लेकिन एथेनॉल वाले पेट्रोल में वो अलग है. पानी एथेनॉल को खींच लेता है, जो एथेनॉल पेट्रोल की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए डाला गया है. वो पानी एथेनॉल से रिएक्ट करके एक लेयर बना लेता है, जो पेट्रोल टैंक की तह में जाकर बैठ जाता है. जैसे ही तह बढ़ती है वो इंजन में चला जाता है. एथेनॉल पेट्रोल की तरह जलता नहीं है जिससे गाड़ी स्टार्ट होने में समस्या होती है.''
सरकार की वेबसाइट पर क्या दावा है?
पेट्रोलियम मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर मिली जानकारी के मुताबिक सरकार के निर्देश के मुताबिक ही पूरे देश में 10 फीसदी एथेनॉल मिला हुआ पेट्रोल बेचा जा रहा है. ये निर्देश 2013 में ही जारी किया गया था. हमारी पड़ताल में पेट्रोलवाहन के टैंक में पानी जाने से इंजन में दिक्कत आने का दावा करने वाली चिट्ठी सच साबित हुई है.