नई दिल्ली: क्या आपने कभी सुना है कि किसी विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं को गर्लफ्रेंड या बनाने के लिए मजबूर किया गया हो? क्या गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड बनाने के लिए किसी तरह की मजबूरी हो सकती है? असल में सोशल मीडिया पर दावा हो रहा है कि एक ऐसी यूनिवर्सिटी भी है जहां ऐसा ही अजीब-ओ-गरीब फरमान जारी किया गया है. आखिर कौनसी है वो यूनिवर्सिटी और क्या है उसका सच.
एक चिट्ठी में दावा है जिसके सबसे ऊपर लिखा है, AMITY UNIVERSITY, राजस्थान. चिट्ठी जारी होने की तारीख है- 30 जुलाई 2018. नीचे लिखा है, ‘’सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि 13-08-2018 के बाद गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड होना अनिवार्य है. इसिलए छात्रों से इसको लेकर उचित व्यवस्था करने के लिए कहा जाता है. दी गई तारीख के बाद बिना गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के पकडे जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा और सजा भी दी जाएगी. छात्र ये ध्यान रखे कि उन्हें एक गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड रखने की इजाजत दी जाएगी. इस नियम को ना मानने वाले छात्र को सस्पेंड किया जा सकता है और इसके लिए 1000 रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा.’’
नीचे रजिस्ट्रार के नाम के साथ हस्ताक्षर भी हैं. रजिस्ट्रार का नामं है- रिटायर्ड कमांडर विश्व दीपक सिंह. ये चिट्ठी जैसे ही सोशल मीडिया पर पहुंची हलचल मच गई. चिट्ठी में जगह का नाम जयपुर लिखा था.
पड़ताल के दौरान जयपुर की एमिटी यूनिवर्सिटी पहुंचकर पता चला की दावे में जो नाम और पता था वो बिल्कुल सही था. एबीपी न्यूज़ ने यूनिवर्सिटी प्रशासन का पक्ष जानने के लिए कई बार रजिस्ट्रार के दफ्तर में फ़ोन किए लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो सका. फोन पर नितिन नाम के एक व्यक्ति ने इस तरह की चिट्ठी के वायरल होने की बात मानी लेकिन साथ ही ये भी कहा कि ये चिट्ठी फर्जी है और यूनिवर्सिटी ने इस तरह का कोई पत्र जारी नहीं किया.
यानि जयपुर एमिटी की तरफ से इस तरह का कोई फरमान जारी नहीं किया गया है. इसलिए हमारी पड़ताल में गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड बनाने के लिए मजबूर करने वाली यूनिवर्सिटी का दावा झूठा साबित हुआ है.
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