जब-जब मशहूर हस्तियों ने झूठ फैलाया, तब-तब 'Viral Sach' ने सच दिखाया
यहां चंद ऐसे ही झूठे दावों की हकीकत का जिक्र किया गया है, जिसने उस वक्त खूब सुर्खियां बटोरी थीं.
नई दिल्ली: कई बार ऐसा हुआ जब मशहूर हस्तियों ने लोगों के सामने झूठ परोस दिया. जब राजनेता और समाजसेवी जैसे लोग कोई दावा करते हैं तो लोग उस पर आंख बंद करके यकीन कर लेते हैं. लेकिन 'वायरल सच' हर दावे के लिए सबूत की तलाश करता है. यहां चंद ऐसे ही झूठे दावों की हकीकत का जिक्र किया गया है, जिसने उस वक्त खूब सुर्खियां बटोरी थीं.
कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह ने 17 फरवरी 2017 को यूपी विधानसभा चुनाव के बीच में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की एक तस्वीर ट्वीट की. इस तस्वीर में राजनीति की दुनिया में एक दूसरे के कट्टर विरोधी माने जाने वाले अमित शाह असदुद्दीन ओवैसी का का हाथ पकड़ कर मुस्कुरा रहे थे.
ये तस्वीर ट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लिखा था, ''मुझे किसी ने ये तस्वीर भेजी है. देखने में लगता है कि तस्वीर के साथ छेड़छाड़ हुई है क्योंकि असद भगवा रंग का जैकेट नहीं पहनते हैं लेकिन आजकल कुछ भी हो सकता है.'' दिग्विजय सिंह ने तस्वीर पर शक तो जताया लेकिन उसके सही होने की आशंका को भी हवा दे दी और ब्लू टिक वाले इस अकाउंट पर तस्वीर पोस्ट होते ही लोग इसे सच मानने लगे.
हमने जब पड़ताल शुरु की तो सामने आया कि वायरल तस्वीर 19 अक्टूबर 2014 की है जब बीजेपी महाराष्ट्र और हरियाणा में मिली जीत का जश्न मना रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी कार्यालय पहुंचे जहां बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह उनके स्वागत के लिए मौजूद थे. अमित शाह ने माला पहनाकर पीएम मोदी का स्वागत किया था और इसी तस्वीर के छेड़छाड़ कर वायरल कर दिया गया. वायरल सच की पड़ताल में अमित शाह और ओवैसी की दोस्ती का दावा करने वाली तस्वीर झूठी साबित हुई थी.
बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो
झूठ को सच मानकर फैलाने वाले सेलेब्रिटीज की लिस्ट में बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो का भी नाम है. बाबुल सुप्रियो ने 24 अप्रैल 2017 को अपने ट्विटर अकाउंट पर तीन तस्वीरें पोस्ट करते हुए दावा किया था कि ये गुजरात के राजकोट में एयरपोर्ट की तर्ज पर बने बस अड्डे की तस्वीरें हैं. लेकिन जब वायरल सच ने इस दावे की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि तस्वीर में दिख रही इमारत गुजरात में एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाए जा रहे बस अड्डे का एक मॉडल है.
पड़ताल में पता चला था कि वायरल तस्वीर में दिख रही इमारत का निर्माण भी शुरु नहीं हुआ था. वायरल तस्वीर गुजरात में बनने वाले बस अड्डे का मॉडल भर है.
सोशल एक्टिविस्ट और मानवाधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी
सोशल एक्टिविस्ट और मानवाधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी भी सोशल मडिया पर चल रहे इस झूठ-सच के खेल से नहीं बच सकीं. शबनम हाशमी ने 10 नवंबर 2017 को एक वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने देश के राष्ट्रपति का अपमान हुआ. वायरल वीडियो एक आईएएस अफसर की बेटी की शादी का बताया जा रहा था. दावा था कि शादी में पहुंचे प्रधानमंत्री के ठीक बगल में देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद खड़े हैं. दावे के मुताबिक प्रधानमंत्री के पीछे-पीछे राष्ट्रपति चल रहे हैं.
शबनम हाशमी ने वीडियो ट्वीट करते हुए सवाल उठाया था, ''क्या इस देश में कोई प्रोटोकॉल बाकी रह गई है? वीडियो में अपनी नजरें राष्ट्रपति पर गड़ाकर रखिए.''
वायरल सच ने जब पड़ताल की तो सामने आया कि 6 नवंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेन्नई में प्रधानमंत्री दफ्तर के वरिष्ठ अधिकारी डॉ टीवी सोमनाथन की बेटी की शादी में शामिल हुए थे. लेकिन वीडियो में नजर आ रहे जिस व्यक्ति को राष्ट्रपति कोविंद बताया जा रहा था वो तमिलनाडु राज्य के गवर्नर बनवारी लाल थे. पीएम के सामने राष्ट्रपति के अपमान का दावा झूठा साबित हुआ था.