नई दिल्ली: बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हाल ही में दावा किया है कि गोमूत्र का सेवन करने से कोविड नहीं होगा, क्योंकि इससे फेफड़ों का संक्रमण दूर होता है. इससे पहले भी इस तरह के दावे कई बार किए जाते रहे हैं. लेकिन इस दावे का सच होने का अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है. वैज्ञानिक लगातार इस दावे को गलत बताते आ रहे हैं.
भारत के वैज्ञानिक और अन्य डॉक्टर इन उपचारों को गलत बता रहे हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल प्रेसिडेंट डॉक्टर जेए जयलाल ने कहा है कि गोबर और गोमूत्र से कोरोना ना होने की बात में कोई सच्चाई नहीं है. अभी तक कोई ऐसी रिसर्च सामने नहीं आई है जिससे पता चले कि गोबर से कोरोना का इलाज हो सकता है. साथ ही डॉक्टर जेए ने बताया कि गोमूत्र और गोबर के सेवन से अन्य बीमारियां जरूर पैदा हो सकती हैं.
डॉक्टर जेए जयलाल का कहना है कि गौशाला में जाकर एक साथ बैठने से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लघंन हो रहा है. इससे कोरोना वायरस का खतरा और ज्यादा बढ़ रहा है.
स्वामी चक्रपाणि महाराज का दावा भी गलत
साल 2020 में जब कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई थी तब अखिल भारत हिन्दू महासभा ने गोमूत्र पार्टी का आयोजन किया था और ये दावा भी किया था कि गोमूत्र पीने से कोरोना वायरस का खात्मा होगा. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा था कि कोरोना की उत्पत्ति हिंसा से हुई है. अब स्तिथि ये है कि पूरा विश्व नमस्ते पर आ गया है. गौमूत्र पांच तत्वों से बना है. इसमें वायरस को मारने वाले तत्व मौजूद हैं. डॉक्टर तो खुद कोरोना से मर रहे हैं. डॉक्टर को सबसे पहले गौमूत्र पीने की जरूरत है. लेकिन चक्रपाणि महाराज का भी ये दावा गलत साबित हुआ है.
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