नई दिल्ली: नोटबंदी का फैसला सही है या गलत ये देश में बहस का मुद्दा बना हुआ है. इस माहौल में नोटबंदी के फैसले पर पीएम मोदी के नाम पर एक सर्वे किया जा रहा है दावा है कि इस सर्वे को पूरा करने पर आपको 200 रुपए का मोबाइल फोन टॉकटाइम मिलेगा. इस सब के बीच बड़ा सवाल है कि कहीं नोटबंदी पर मोदी की आड़ में आपके साथ कोई धोखा तो नहीं हो रहा है? एबीपी न्यूज़ ने इस वायरल सर्वे की पड़ताल की.
इस सर्वे में पूछा जा रहा है कि क्या आप नोटबंदी पर प्रधानमंत्री मोदी के फैसले के साथ हैं या फिर फैसले के खिलाफ हैं. इतना ही नहीं इस सर्वे का हिस्सा बनने पर सर्वे करने वाली कंपनी आपको 200 रुपए का टॉकटाइम देने का वादा कर रही है.
आप लोगों में से कुछ लोगों ने ऐसे सर्वे को अपने फेसबुक पेज या वॉट्सऐप पर देखा हो. दरअसल पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक लिंक वायरल हो रहा है वायरल हो रहे इस लिंक के साथ एक मैसेज है जिसमें लिखा है, ''200 रुपए का टॉकटाइम मुफ्त में. कोई भी एप डाउनलोड करने के लिए नहीं बोला जाएगा. सबसे पहले स्टार्ट सर्वे पर क्लिक करिए उसके बाद आपसे मोदी के बारे में तीन सवाल पूछे जाएंगे. सभी सवालों का जवाब हां में देना है. और बाद में अपना मोबाइल नंबर डालकर रिचार्ज कर लेना है.''
वायरल मैसेज के साथ सर्वे वाला लिंक दिया गया है जिस पर जाकर बताए गए निर्देशों के मुताबिक सर्वे में हिस्सा लेना है. हमने इश लिंक की पड़ताल के लिए इस लिंक पर क्लिक किया. लेकिन उससे पहले हमारे मन में एक सवाल उठा कि इस सर्वे के नाम पर तीन सवाल हैं लेकिन शर्त ये है कि सारे सवालों का जवाब हां में देना है फिर भला ये सर्वे कैसे हुआ?
हमने जब लिंक पर क्लिक किया एक नया पेज खुल गया. इस पेज पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के साथ भारत सरकार का लोगो भी लगा हुआ 0था. नीचे लिखा हुआ है कि ये सर्वे ये जानने के लिए है कि नोटबंदी पर कौन पीएम के साथ हैं और कौन खिलाफ. ये भी बताया गया है कि 200 रुपए के फ्री टॉकटाइम का ये ऑफर आइडिया, वोडाफोन, बीएसएनएल, रिलायंस, डोकोमो, एयरसेल और टेलिनॉर इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं के लिए है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि इस वेबसाइट को इस तरह से बनाया गया है कि ये देखने में बिल्कुल सरकारी वेबसाइट लग रही है.
यहां स्टार्ट बटन पर क्लिक करते ही पहला सवाल सामने आया. यह सवाल था कि क्या सरकार का नोटबंदी का फैसला उचित है ? इसके तीन विकल्प थे हां, नहीं और पता नहीं लेकिन शर्त के मुताबिक जवाब हां में देना था तो हमने भी हां का बटन दबाया. इसके बाद दूसरा सवाल सामने आया. क्या इस फैसले से कालेधन वाले प्रभावित होंगे? इसमें भी तीन विकल्प थे, हमने फिर जवाब हां में दिया.
इसके बाद तीसरा यानि आखिरी सवाल सामने आया, भारत के विकास में बेहतर सरकार कौन है? कांग्रेस, बीजेपी, आप और चौथा विकल्प था एक भी नहीं. हमने बीजेपी को वोट दिया तो आखिर में लिखकर आया सर्वे में हिस्सा लेने के लिए शुक्रिया आप 200 रुपए का टॉकटाइम जीत गए हैं.
कहां और कैसे इसके लिए लिखा हुआ था कि आपको इस वेबसाइट दस ग्रुप पर वॉट्सऐप में शेयर करना होगा. जब ये हो जाएगा तब आप अपना कूपन भुना सकते हैं. आसान से दिखने वाला ये सर्वे मुश्किल लगने लगा था और इस पूरे सर्वे पर शक भी होने लगा था. कहानी का सच जानने के लिए एबीपी न्यूज ने इसकी पड़ताल शुरू की और हम पहुंचे साइबर एक्सपर्ट मोनिक मेहरा के पास.
हमने उन्हें मैसेज भी दिखाया और लिंक भी. मोनिक ने सर्वे पूरा किया और दस वॉट्सऐप ग्रुप पर इसे शेय़र भी किया. ये जानने के लिए कि आखिर में होता क्या है, टॉकटाइम मिलता भी है या फिर नहीं.
हमारे एक्सपर्ट ने जब ऐसा करना शुरू किया तो देखिए क्या हुआ हम एक ही ग्रुप में इसे बार-बार शेयर करते रहे लेकिन इसका सॉफ्टवेयर इतना वीक था कि वो सही तरीके से गिनती भी नहीं कर पा रहा था. हमारे एक्सपर्ट ने बताया कि ऐसे सर्वे लोगों को ठगने के लिए होते हैं.
साइबर एक्सपर्ट मोनिक मेहरा के मुताबिक कोई भी सर्वे जिस में लालच दिया जाता है वो हमेशा गलत होता है. किसी भी सर्वे में अगर सारे जवाब हां में देने को कहा जाए तब आपको 200 रुपये मिलेंगे तो वो बिल्कुल गलत है. अगर आप बताए गए तरीके को फॉलो करेंगे तो भी कहीं ना कहीं एरर आ जाएगा.
सर्वे का लिंक आपको कैसे धोखा दे रहा है वो समझिए.
पहली पोल खोल- हमने जब सर्वे कराने वाली वेबसाइट के बारे में जानने की कोशिश की तो कहीं कुछ नहीं मिला. हिडेन तरीके से साइट का डोमेन खरीदा गया है. रजिस्ट्रेशन प्रोसेस भी हिडेन रखा गया है. आम आदमी पता ही नहीं कर सकता कि ये साइट किसकी है और कौन चला रहा है.
दूसरी पोल खोल- आखिर में जब आप मोबाइल नंबर लिखकर सबमिट करते हैं तो लिखकर आता है कि 2 घंटे में आपका मोबाइल रिचार्ज हो जाएगा. लेकिन इसके साथ एक नई शर्त भी आती है शर्त ये कि आपको कुछ एप डाउनलोड करने होंगे. जैसे ही आप डाउनलोड पर क्लिक करेंगे एप डाउनलोड होने के बजाय एक सॉफ्टवेयर डाउनलोड होने लगता है यानि यहां पर भी धोखा.
आपके साथ क्या हो सकता है
पहली जरूरी बात- ऑनलाइन पेमेंट के दौर में किसी तरह के अज्ञात सॉफ्टवेयर को ओपन करना इतना खतरनाक हो सकता है कि आपका पूरा मोबाइल हैक हो सकता है क्योंकि कहा कुछ जा रहा है और हो कुछ रहा है.
दूसरी जरूरी बात- इस तरह की कोई भी कंपनी जो मुफ्त में कुछ देकर सर्वे करती है और सारे सवालों का जवाब हां में देने रिचार्ज का ऑफर देती है ऐसी कंपनी सरकार का सर्वे नहीं करतीं.
इस तरह की साइट लोगों को गुमराह करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं. जिनका मकसद सर्वे के नाम पर डाटा इकट्टा करना होता है. आपके मोबाइल से चोरी किए गए डाटा का इस्तेमाल आपको ही नुकसान पहुंचाने के लिए होता है.
इस रिपोर्ट में आपके लिए सबसे बड़ी सीख ये है कि इस तरह के अनजान लिंक को अपने मोबाइल में बिल्कुल भी ना खोलें क्योंकि आपका क्या चोरी हो जाएगा ये आपको पता भी नहीं लगेगा और जबतक पता चलेगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी. एबीपी न्यूज की पड़ताल में नोटबंदी पर मोदी की आड़ में हो रहा ये सर्वे झूठा साबित हुआ है.