आरएसएस के नाम से किए गए वायरल ट्वीट की पड़ताल, संगठन ने कहा-छवि खराब की कोशिश
आरएसएस लद्दाख के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि चीन के खिलाफ ट्रेनिंग में कोई नहीं आया.
सोशल मीडिया पर एक ट्वीट वायरल हो रहा है और यह ट्वीट हुआ है आरएसएस लद्दाख के ट्विटर हैंडल से. ट्वीट में यह बताने की कोशिश की गई है की चीन से मुकाबला करने के लिए आरएसएस के प्रचारकों और स्वयंसेवकों को मिलिट्री ट्रेनिंग के लिए आने का न्योता दिया गया था लेकिन कोई नहीं आया.
ऐसे में सवाल खड़ा होने लगा कि क्या वाकई आरएसएस अपने प्रचारकों और स्वयंसेवकों को ऐसी कोई ट्रेनिंग करवाने की तैयारी कर रहा था. क्या आरएसएस की तरफ से ऐसा कोई ट्वीट किया गया जिसमें उसने अपने स्वयंसेवकों और प्रचारकों को चीन से मुकाबला करने की बात की हो. इसी की पड़ताल शुरू की एबीपी न्यूज़ की टीम ने.
एबीपी न्यूज़ की टीम ने इसके लिए आरएसएस के प्रवक्ताओं और सदस्यों से संपर्क साधा. संपर्क करने पर पता चला कि आरएसएस के संज्ञान में भी ट्विटर हैंडल के बारे में बातें आई हैं और जो ट्वीट किए गए हैं उनके बारे में भी उनको जानकारी मिल चुकी है. इसके बाद आरएसएस ने भी उसको लेकर अपनी पड़ताल की. सबसे पहले चलिए आपको बताते हैं कि आरएसएस ने अपनी पड़ताल में क्या पाया.
आरएसएस ने अपनी पड़ताल में पाया की जिस टि्वटर हैंडल से ट्वीट किया गया उसको इस ट्वीट के 1 दिन पहले ही बनाया गया था. 3 जून की शाम 6:08 बजे यह ट्वीट किया गया और इसके अगले 24 घंटों के अंदर ही वह ट्वीट वायरल करवाया गया क्योंकि इस अकाउंट को जिस वीपीएन एड्रेस के जरिए चलाया जा रहा था वह पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है. लिहाजा इस ट्वीट को दुनिया भर में अलग-अलग जगह पोस्ट किया गया और वायरल करने की कोशिश की गई.
आरएसएस के नाम से किए गए ट्वीट वायरल
ट्वीट को पहली बार इकबाल अंसारी नाम के शख्स ने रिट्वीट किया और उसके बाद अमेरिका के एंटीफा आईडी से उसको और आगे बढ़ाया गया. जिन आईडी से यह ट्वीट आगे बढ़ाया गया वह आईडी इकबाल अंसारी, जिमी अंसारी और के मलमुरूगन की थी और आईडी से जुड़े सभी लोग भारतीय मुसलमानों की आवाज उठाने, उनको आगे बढ़ाने और सशक्तिकरण की बात करते हैं. आरएसएस का मानना है कि इस ट्वीट के जरिए लद्दाख की शांति को खराब करने की कोशिश की गई है.
छवि खराब करने की कोशिश-आरएसएस
सामने आए इन्हीं तथ्यों के आधार पर आरएसएस यह दावा कर रहा है कि उसका इस टि्वटर प्रोफाइल से कोई वास्ता नहीं है क्योंकि यह टि्वटर प्रोफाइल आरएसएस की छवि को खराब करने के लिए तैयार किया गया है. अब तक की पड़ताल में जो बातें निकल कर सामने आई हैं उसके आधार पर संगठन इसमें कांग्रेस नेताओं के शामिल होने का भी आरोप लगा रहा है.
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