करौली हिंसा की नहीं है सोशल मीडिया पर वायरल ये वीडियो, फैक्ट चेक में ऐसे खुली पोल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है जो करोली घटना का दावा कर रही है. फैक्ट चैक में ये वीडियो घटना की नहीं बल्कि साल 2016 में बनाई गई पंजाब की वीडियो है.
राजस्थान के करौली शहर में मुस्लिम इलाके से गुजर रही बाइक रैली पर पथराव और आगजनी के बाद तनावपूर्ण स्थिती बनी हुई है. डीएम ने 7 अप्रैल तक कर्फ्यू को बढ़ा दिया है. वहीं, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है जो घटना का दावा कर रही है. वहीं, फैक्ट चैक के मुताबिक, ये वीडियो घटना की नहीं बल्कि साल 2016 में बनाई गई पंजाब की वीडियो है.
दरअसल, बीते शुक्रवार नव वर्ष के मौके पर मुस्लिम इलाके से गुजर रही बाइक रैली पर कुछ शरारती तत्वों ने पथराव किया था जिसके बाद हालात बिगड़ गए और इलाके में जमकर आगजनी और पत्थरबाजी हुई. दंगाईयों ने दुकानों को आग के हवाले भी कर दिया था. वहीं पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 46 लोगों को गिरफ्तार किया और 7 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
भगवा रंग का फ्लैग दिखाई दिया
वहीं इस दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुई. इस वीडियो को शेयर कर दावा किया गया कि करौली में हुई हिंसा की ये वीडियो है. वीडियो में मुस्लिम समाज का एक गुट पुलिसकर्मियों के साथ कुछ लोगों का रास्ता रोके खड़ा दिखाई दिया. इन लोगों के हाथ में भगवा रंग का फ्लैग और झंडा दिखा.
फैक्ट चैक में वीडियो का दावा गलत साबित हुआ
वहीं, मीडिया ने जब वायरल वीडियो की जांच की तो पता चला कि ये वीडियो घटना की नहीं बल्कि पंजाब की जिसे साल 2016 में बनाया गया था. इस वीडियो में कुछ सिख लोग दिखाई दे रहे हैं साथ ही आसपास की दुकाने और जांच में मिले दुकानों के पत सबूत देते हैं कि ये वीडियो करौली की नहीं बल्कि पंजाब की हैं.
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