Tamil Nadu Video: तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के इरुवेलपट्टू गांव के निवासियों ने मंगलवार (03 दिसंबर, 2024) को बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए तमिलनाडु के वन मंत्री के पोनमुडी के दौरे के दौरान उन पर कथित तौर पर कीचड़ फेंक दिया. यह घटना चेन्नई-त्रिची नेशनल हाईवे पर उग्र विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई, जहां ग्रामीणों ने अपर्याप्त राहत प्रयासों पर अपनी निराशा व्यक्त की.
इरुवेलपट्टू गांव का निरीक्षण करते समय, पोनमुडी को गुस्साए स्थानीय लोगों का सामना करना पड़ा, जिन्होंने आरोप लगाया कि जिले में चक्रवात फेंगल के प्रभाव के बाद दो दिनों तक अधिकारियों की ओर से उनके दूरदराज के गांव की उपेक्षा की गई थी. इकट्ठे हुए ग्रामीणों में से एक व्यक्ति ने मंत्री पर कीचड़ फेंका, जिससे उनकी सफेद शर्ट के साथ-साथ उनके दल में शामिल कई अधिकारियों और पुलिस कर्मियों की ड्रेस पर भी धब्बे लग गए.
कीचड़ फेंकने पर क्या बोले मंत्री?
चेन्नई में, शेखर बाबू ने इस घटना के बारे में मीडिया को संबोधित किया, इसे राजनीति से प्रेरित कृत्य बताया. बाबू ने कहा, "कीचड़ एक राजनीतिक दल के सदस्य और उसके रिश्तेदार की ओर से फेंका गया था." चार घंटे से अधिक समय तक चले प्रदर्शन के कारण यातायात ठप हो गया और चक्रवात से प्रभावित लोगों की शिकायतें सामने आईं.
बीजेपी ने शेयर किया वीडियो
बीजेपी तमिलनाडु अध्यक्ष के अन्नामलाई ने घटना का वीडियो शेयर किया और आरोप लगाया कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन चेन्नई में "फोटो खींचने" में व्यस्त हैं और राजधानी शहर में क्या हो रहा है, इसके अलावा कुछ नहीं देख रहे हैं.
स्टालिन ने मंगलवार को विल्लुपुरम, कुड्डालोर और कल्लाकुरिची सहित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की निगरानी करने वाले मंत्रियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. समीक्षा के दौरान, स्टालिन ने प्रभावित परिवारों को हुए नुकसान को दूर करने के उद्देश्य से मुआवजे के पैकेज की घोषणा की. राज्य सरकार ने बाढ़ में जान गंवाने वालों के परिवारों को 5 लाख रुपये और क्षतिग्रस्त घरों के लिए 10,000 रुपये देने का वादा किया.
ये भी पढ़ें: फेंगल तूफान ने बरपाया कहर! बाढ़ में बह गई बसें, केरल और कर्नाटक में भी दिखा असर