तपोवन: उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार आई त्रासदी के बाद कई नई तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं. जिस वक्त पानी का सैलाब आया, उस समय तपोवन बैराज में फंसे कुछ लोगों का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें करीब 10 मजदूर अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं.


तपोवन बैराज में फंसे यह मजदूर घातक सैलाब से नहीं बच सके और इसमें बहते दिखाई दे रहे हैं. रविवार की सुबह उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमस्खलन ने कहर बरपाया, जिसमें कई लोगों की जान चली गई और काफी लोग अभी तक लापता हैं, जिनमें से अधिकतर का सैलाब में बह जाने का अनुमान है. वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि जब पानी का सैलाब उनके करीब आ रहा था तो मजदूरों ने अपनी जान बचाने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर भागने की पूरी कोशिश की, लेकिन कीचड़युक्त पानी का तेज बहाव उन्हें बहा ले गया. ये मजदूर उन 174 व्यक्तियों की सूची में शामिल हैं, जो अभी भी लापता हैं, जबकि 34 शव अब तक बरामद किए जा चुके हैं.


देखें वीडियो-



तपोवन बैराज पर आए सैलाब को ऊंचाई वाले स्थानों पर खड़े कुछ स्थानीय लोगों ने मोबाइल फोन में कैद कर लिया, जो प्रकृति के प्रकोप का गवाह है. वीडियो को देखने पर मालूम पड़ता है कि मजदूरों को बाढ़ के बारे में बहुत देर से जानकारी मिली, इसलिए उनके पास जल्दी से बैराज से बाहर निकलने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं थे. उन्होंने अपने जीवन को बचाने के लिए सामने से आ रहे सैलाब से बचने की कोशिश की और वह बैराज के ऊपर चढ़ गए और शायद इस प्रक्रिया में 10 महत्वपूर्ण मिनटों का नुकसान हुआ, जो जीवन और मृत्यु के बीच अंतर हो सकता है.


खुद को बचाने के लिए था 10 सेकंड से भी कम का समय


जब तक मजदूरों का समूह बैराज के शीर्ष पर पहुंचा, तब तक उनके पास खुद को बचाने के लिए 10 सेकंड से भी कम का समय था. वीडियो में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि वे एक कोने से दूसरे कोने तक भागते हुए खुद को उनकी ओर मलबा लेकर आ रहे सैलाब के बहाव से बचाते हैं. जब पानी की एक और धारा उनकी तरफ आने लगी तो मजदूर फिर बैराज की छत पर पिछले स्थान पर भाग गए. लेकिन यह फंसे हुए मजदूरों की आखिरी दौड़ रही, क्योंकि पानी का एक और मजबूत प्रवाह उन्हें बहा ले गया. वीडियो में स्पष्ट रूप से उन्हें बैराज की छत से कीचड़ भरे पानी में गिरते देखा जा सकता है. कोई नहीं जानता कि वे मलबे से युक्त तेज पानी के बहाव से जीवित बच गए होंगे या नहीं, क्योंकि उनके शव अभी तक बरामद नहीं हुए हैं.


धौली गंगा नदी पर तपोवन में 520 मेगावाट की डाउनस्ट्रीम एनटीपीसी जल विद्युत परियोजना एक भूस्खलन के बाद आई बाढ़ में बह गई थी. इलाके में 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में एक हिमस्खलन हुआ, जिससे चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी में सैलाब की वजह से बाढ़ आ गई.


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