मंडी: राहुल गांधी ने हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के अभियान की शुरुआत की. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने शनिवार को घोषणा की कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे. पड्डाल मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने बेरोजगारी, नोटबंदी और जल्दबाजी में जीएसटी लागू करने के मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा.


मुख्यमंत्री का समर्थन करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने पूरे राज्य में समान विकास कराया और उन्हें भरोसा है कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में वापस आएगी. उन्होंने ‘विजय से विकास की ओर’ रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘वीरभद्र सिंह जी, आप छठी बार मुख्यमंत्री बने और मैं विश्वास जताता हूं कि आप सातवीं बार भी मुख्यमंत्री बनेंगे. पूरी कांग्रेस पार्टी आपके साथ खड़ी है.’’ इससे चार दिन पहले बीजेपी ने बिलासपुर में रैली की थी जिसे प्रधानमंत्री ने संबोधित किया था.


बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार दो करोड़ लोगों को नौकरी देने का वादा पूरा करने में नाकाम रही. उन्होंने कहा, ‘‘और जमीनी स्थिति यह है कि हर 24 घंटे में 30 हजार नए नौकरी मांगने वाले जुड़ रहे हैं लेकिन केवल 450 लोगों को हर दिन नौकरी मिल रही है जबकि हमारा प्रतिद्वंद्वी चीन हर दिन 50 हजार लोगों को नौकरी दे रहा है.’’


राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘जीएसटी को जल्दबाजी में लागू करने से 30 लाख नौकरियां चली गईं.’’ उन्होंने कहा कि इस वजह से कारोबारियों को असुविधा हो रही है. नोटबंदी के कारण जीडीपी में गिरावट आई और इससे आम आदमी पर बुरा प्रभाव पड़ा.


गुजरात मॉडल का मजाक बनाते हुए राहुल गांधी ने विभिन्न मानकों पर हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विकास की तुलना करते हुए दावा किया कि हिमाचल बहुत बेहतर है. किसानों की दुर्दशा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकतम खुदकुशी बीजेपी शासित राज्यों में हो रही हैं.


रैली को संबोधित करते हुए वीरभद्र ने कहा कि उनकी सरकार ने बिना किसी पूर्वाग्रह के चहुंओर विकास सुनिश्चित किया और आगामी चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा.