Covid-19 India: चीन समेत दुनिया के कई देशों में कोरोनावायरस (Covid-19) ने फिर कोहराम मचा दिया है. चीन, जहां कोरोनावायरस का प्रकोप सबसे पहले फैला था, वहां अब हालत ज्‍यादा खराब हैं. एक रिपेार्ट के मुताबिक, चीन में करोड़ों लोग लॉकडाउन के दायरे में हैं और रोजाना 5 लाख से ज्‍यादा नए मामले सामने आ रहे हैं. इस खतरे को भांपते हुए भारत सरकार ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. सरकार ने कहा है कि, लोग मास्‍क (Mask) पहनें. यहां के बहुत-से वैज्ञानिक और डॉक्‍टर्स इस महामारी के प्रकोप को लेकर विश्लेषण कर रहे हैं.


एक दक्षिण भारतीय वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कांग (Dr Gagandeep Kang) ने चीन की तुलना में भारत में कोविड की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण किया और कहा कि, हमारे यहां चीन जैसे हालत नहीं होंगे. उन्‍होंने यह भी कहा है कि, भारत में ट्रैवल-बैन की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन चीन में संक्रमण के बहुत से मामले सामने आएंगे, जैसा कि भारत में अप्रैल-मई 2021 में या जनवरी 2022 में महामारी की दूसरी लहर देखी गई थी. हालांकि, अब भारत में वैसा नहीं होगा. उन्‍होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि हमारे यहां चीन जैसे गंभीर हालत होंगे. 


'सर्दी चीन में महामारी की स्थिति को बदतर बना रही है'
डॉ कांग ने कहा कि चीन ऐसे समय में खुल रहा है जब वहां की आबादी में प्राकृतिक संक्रमण के जोखिम का स्तर कम है. चीनी वैक्‍सीन के अप्रभावी होने पर, डॉ कांग ने कहा कि वे वैक्‍सीन जो गंभीर बीमारी या बड़ी संख्‍या में हो रही मौतें काबू नहीं कर पाईं, उनका असर लोगों पर उतना नहीं पड़ेगा. डॉ कांग ने कहा, "जब बहुत सारे लोग बीमार हो जाते हैं, जिनमें स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हों तो स्थिति ज्‍यादा खराब होती है. कर्मचारियों की कमी, रोगियों से अस्पतालों का भरना का मतलब है कि रोगियों की देखभाल भी उतने अच्‍छे ढंग से नहीं हो रही होगी. इसके अलावा सर्दियों में, अन्य वायरस या वायरल रोगों का संक्रमण फैलने का खतरा भी कम नहीं होता. लिहाजा, अस्पतालों में यह बुरा दौर होता है.''






'यहां कोई नया वैरिएंट नहीं आया'
कोरोनावायरस के नए वैरिएंट के बारे में बात करते हुए डॉ कांग ने कहा कि अब चीन में उछाल लाने वाले वैरिएंट बाकी दुनिया में महीनों से हैं, कोरोनावायरस ने व्यवहार पैटर्न नहीं बदला है. उन्‍होंने कहा, "भारत में भी, पहले से ही XBB और BF.7 पहले से हैं, इसके अलावा BF.2 को नया बताया जा रहा है, मैं कहूंगी कि ये सभी ओमिक्रोन के सबवैरिएंट की तरह हैं, जो लोगों को संक्रमित करने में तो आगे हैं, लेकिन इनसे लोगों में एक एंडीबॉडी जनरेट होती है, जो संक्रमण को रोकती है, हालांकि, ऐसा नहीं है कि सबवैरिएंट डेल्टा की तुलना में ज्‍यादा गंभीर बीमारी पैदा करता है."


'भारत में नई लहर का संकेत नहीं'
डॉ कांग ने कहा, 'भारत में कोरोनावायरस की नई लहर का संकेत नहीं है. इसलिए यहां कोई यात्रा प्रतिबंध लगाना भी आवश्यक नहीं है. उन्‍होंने सवाल उठाया कि "क्या हमें ऐसा करना चाहिए?' उन्‍होंने कहा- भारत में फिलहाल कोरोना की संक्रमण दर बहुत कम है. लोग यात्रा करें, लेकिन चिंतित हैं तो मास्क पहनें. भारत के बाहर, कुछ स्थानों पर संक्रमण अधिक है, तो वहां भी मास्क पहनें और यात्रा करें."


'मास्‍क की अहमियत भी समझनी होगी'
डॉ कांग ने कहा कि, लोग अपनी चिंता मिटाने के लिए मास्‍क पहन सकते हैं. जैसा कि सरकार ने लोगों से सुरक्षित रहने के लिए मास्क लगाने का आग्रह किया है, डॉ. कांग ने भी कहा कि मास्क लगाने के उद्देश्य को समझना महत्वपूर्ण है. उन्‍होंने कहा, 'एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए, मास्क का बहुत कम महत्व है, लेकिन यदि आपको कोई श्वसन संक्रमण है, तो घर पर रहें. यदि यदि आपको घर से बाहर जाने की आवश्यकता है, तो मास्‍क पहननकर निकलें. इसके अलावा यदि आप कमजोर हैं, तो भी मास्‍क लगाकर रहें. यदि आपके आस-पास कोई बीमार रहता है तो उसे भी सतर्क रहने को कहें. समुदाय या भीड़ में मास्‍क लगाकर रहना अच्छी बात होगी." 


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