नई दिल्लीः देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच पिछले कुछ दिनों में नए मामलों में थोड़ी गिरावट आई है. लेकिन जाने- माने वायरोलॉजिस्ट डॉ. शाहिद जमील का मानना है कि पहली लहर के विपरीत इस बार नए संक्रमण के मामलों की संख्या में गिरावट बहुत धीमी होने की संभावना है.


डॉ. जमील के अनुसार, 'अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि क्या हम पीक पर पहुंच गए हैं. मामलों के कम होने के कुछ संकेत है. लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि मामले बहुत ज्यादा हैं. एक दिन में लगभग 4 लाख तक मामले सामने आ रहे हैं. हम राहत महसूस कर सकते हैं यदि हम पीक पर पहुंच गए हैं. लेकिन मामले तेजी से कम नहीं होने वाले हैं. ” डॉ. जमील,अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के डायरेक्ट भी हैं.



मामलों में कमी की प्रोसेस हो सकती है लंबी
डॉ. शाहिद जमील के मुताबिक,  “हम पीक पर इतने फोकस हैं  कि एक बार पीक पर पहुंचने के बाद हमें लगता है कि काम पूरा हो गया है. लेकिन यह केवल आधी यात्रा है. भले ही हम पीक पर पहुंच गए हैं और गिरावट शुरू हो गई है., लेकिन लंबे समय तक बड़ी संख्या में मामलों आना जारी रहेंगे. मामलों में कमी की लंबी प्रोसेस संभवतः जुलाई या अगस्त तक चल सकती है, यह मानते हुए कि कुछ हफ्तों में केस की संख्या चार लाख से गिरकर डेली दो लाख या एक लाख हो सकती है लेकिन यह संख्या भी कम नहीं है. ” 


लापरवाही से स्थिति इतनी बिगड़ी
डॉ. जमील ने करोना की स्थिति इतनी खराब होने का कारण लापरवाही बताया. उन्होंने कहा कि सितंबर और फरवरी के बीच मामलों में गिरावट आने पर लोग बेपरवाह हो गए. उन्होंने कहा कि पहली लहर के दौरान डेली केस 40,000 और 50,000 आ रहे थे तो उस समय लोग दूसरे लहर के के दौरान दो लाख से ज्यादा डेली केस आने से ज्यादा सावधान थे. उन्होंने कहा कि सरकार ने समय से पहले विश्वास किया कि जनवरी में महामारी खत्म हो गई थी और टेम्परेरी इंफ्रास्ट्रक्चर को फोल्ड कर दिया.
 
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