Five States Assembly Elections 2022: चुनाव आयोग ने कोविड महामारी की स्थिति को देखते हुए पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के दौरान आगामी 15 जनवरी तक जनसभाओं, रैली और पदयात्राओं पर रोक लगा दी है. मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने शनिवार को पीसी में कहा कि 15 जनवरी के बाद स्थिति का जायजा लेने के बाद आयोग आगे का निर्णय लेगा.
चंद्रा ने कहा कि सार्वजनिक सड़कों पर कोई नुक्कड़ सभा नहीं होगी. चुनाव नतीजों के बाद कोई विजय जुलूस नहीं निकाला जाएगा. कोविड दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने वाले कानूनी कार्रवाई के भागी होंगे. सभी मतदान केंद्रों पर सैनिटाइजर और मास्क जैसी कोविड से बचाव की सुविधाएं उपलब्ध होंगी और कोविड की स्थिति को देखते हुए मतदाता केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
कांग्रेस (Congress) बोली 16 जनवरी के बाद नुक्कड़ सभाओं को मिले अनुमति
इस पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने 15 जनवरी तक चुनावी रैलियों पर रोक पर कहा कि चुनाव आयोग से सहमत हैं. आगे क्या होगा परिस्थितियों पर निर्भर करेगा लेकिन हम चाहेंगे कि 16 जनवरी के बाद नुक्कड़ सभाओं को अनुमति देनी चाहिए जिसमें 100-150 लोग हों. नमस्ते ट्रंप की वजह से पहले कोरोना फैला था, अब दोबारा ओमिक्रोन भी ध्यान न देने की वजह से फैला.
पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने चुनाव प्रचार के नए नियमों पर पर कहा नियम सबके लिए हैं. हम नियमों का पालन करेंगे.वहीं कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुल खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी पहले भी कई राजनीतिक रैलियां कर चुके हैं. वह पिछले एक महीने से दौरा कर रहे हैं और यूपी के सीएम योगी से 10-15 से ज्यादा बार मिल चुके हैं. सत्ता पक्ष के लिए कुछ भी नहीं है. केवल आर्थिक रूप से कमजोर दलों को ही समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. चुनाव निष्पक्ष होने चाहिए और हमारा अनुरोध है कि चुनाव आयोग को निष्पक्षता से काम करना चाहिए. हम भविष्य में देखेंगे कि वो कैसे काम करते हैं और विपक्ष व सरकार के साथ कैसा व्यवहार करते हैं
यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने कहा कि रैलियां चुनाव आयोग के गाइडलाइंस के तहत सब होगा, जैसा भी कहा है वैसा उसका पालन किया जाएगा.
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से कही ये बात
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा, जिन पॉलिटिकल पार्टीज और पॉलिटिकल पार्टीज के वर्कर के पास इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है वर्चुअल रैली के लिए तमाम चीजें नहीं है आखिरकार वे अपनी वर्चुअल रैली कैसे करेंगे. इसलिए इलेक्शन कमिशन को कहीं न कहीं कुछ तो सहयोग करना चाहिए चाहे वह चैनल के माध्यम से विपक्ष के लोगों को समय ज्यादा दें. अगर वर्चुअल रैली के लिए हम जाएंगे उसके लिए कहीं न कहीं इलेक्शन कमिशन को सोचना चाहिए. पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोविड के समय पर इलेक्शन हो रहा है और इलेक्शन कमीशन ने तमाम नियम बनाएं हैं.
आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि AAP वर्चुअल और डोर-टू-डोर कैंपेन की तैयारी कर रही है. मैं पंजाब के लोगों को याद दिलाना चाहता हूं कि कांग्रेस को वोट देने का मतलब बीजेपी को वोट देना है. यह गोवा, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अब चंडीगढ़ में देखा गया था, इसलिए उस जाल में न पड़ें. न केवल आप, बल्कि चुनावी राज्यों के मतदाता केजरीवाल के शासन को मौका देने और मौजूदा विश्वासघाती सरकारों को हटाने के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे थे.
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