विशाखापट्टनम: विशाखापट्टनम गैस लीक त्रासदी में अब तक 12 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 325 घायलों का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस गैस लीक कांड की वजह से कई परिवार सदमे में हैं. वहीं आज स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते वक्त LG पॉलिमर कंपनी तक मार्च किया. साथ ही कंपनी को बंद करने की मांग की.


इस कांड से पीड़ित लोग भी बड़ी संख्या में इस विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे हैं. इन लोगों ने अपने परिजनों का शव रखकर प्रदर्शन किया और सरकार से कपंनी को बंद करने के साथ इसे बंद करने की मांग की.


विशाखापट्टनम में हुए इस गैस लीक कांड में कई लोगों ने अपने परिजनों को खोया है. इस हादसे में एक बेटे ने अपनी मां को गंवा दिया है तो एक पत्नी अपने पति को खो चुकी है. एक मां भी अपने नन्हे से बच्चे के इस दुनिया से जाने से सदमे में है. इन लोगों का कहना है कि उन्हें पैसों की मदद नहीं चाहिए, उन्हें उनके अपने वापस चाहिए.


गौरतलब है विशाखापट्टनम में सात मई को रात तीन बजे के करीब गैस रिसाव के चलते आपातकालीन हालात बन गए. स्टाई रिन गैस रिसाव के चलते 12 लोगों की मौत हो गई. वहीं पूरे इलाके में एक हजार से ज्यादा लोगों पर इस गैस रिसाव का असर पड़ा है. इतना ही नहीं पशु पक्षियों से लेकर पर्यावरण पर भी इस गैस रिसाव के चलते बड़ा नुकसान हुआ है.


आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी ने गुरुवार दोपहर ऐलान किया कि घटना में मरने वालों के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा और वेंटिलेटर पर रहने वालों को 10 लाख रुपये की धनराशि मुआवजे के रूप में दी जाएगी. लेकिन अब परिजनों का कहना है कि उन्हें किसी भी तरह की मदद नहीं बल्कि उनके परिजन वापस चाहिए. उनका कहना है सरकार मौत देने वाली इस फैक्टरी को बंद करें.


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