विशाखापत्तनम गैस लीक: घटना के बाद सामने आईं दर्दभरी कहानियां, किसी ने बेटी तो किसी ने खोया पिता
विशाखापत्तनम में गुरुवार तड़के ढाई बजे एलजी पॉलिमर कंपनी में गैस रिसाव के बाद 11 लोगों की मौत हो गई थी.रासायनिक कारखाने के तीन किमी के दायरे में पांच गांवों में एक हजार से ज्यादा लोगों पर इसका असर बताया गया था.
विशाखापत्तनम: आंध्र प्रदेश के विशापत्तनम में एल जी पॉलीमर प्लांट से स्टाइरीन गैस लीक होने की घटना में पांच साल के मणिदीप ने अपने पिता को हमेशा के लिये खो दिया. उसकी मां भी बीमार है और फिलहाल अस्पताल में भर्ती है. मणिदीप के संबंधियों को मीडिया के जरिये उसके पिता गोविंदा राजू की मौत की खबर पता चली, जिसके बाद उसके परिवार को इस बारे में जानकारी दी गई. गोविंदा राजू आर आर वेंकटपुरम गांव में एल जी पॉलीमर प्लांट में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते थे. गैस की चपेट में आने के कारण मणिदीप अपनी आंखे नहीं खोल पा रहा था. शनिवार को मणिदीप को एल वी प्रसाद नेत्र संस्थान ले जाया गया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उसे देखा. इसके बाद वह अंततः कुछ देर के लिए अपनी आंखे खोल पाया.
अस्पताल में मणिदीप की देखभाल कर रहीं उसकी आंटी ने कहा, ''उसके पैर में भी चोट लगी है. भले ही अब उसकी आंखें खुल गई हों, लेकिन वह चल नहीं पा रहा है. हम किसी तरह उसे बाहर लाए और अंतिम संस्कार से पहले उसे उसके पिता का शव दिखाया गया.'' बच्चे की मां फिलहाल अस्पताल में है और ठीक हो रही है. गुरुवार को गैस लीक होने के कारण उसे सांस लेने में तकलीफ है. ऐसी ही दिल तोड़ने वाली कहानी नौ साल की एन ग्रिश्मा के परिवार की है, जिसकी इस घटना में मौत हो गई. उसके माता-पिता अस्पताल में भर्ती हैं. बच्ची के अंकल अफसोस के साथ कहते हैं, ''ग्रिश्मा की गुरुवार को मौत हो चुकी है, लेकिन हमने दोपहर तक उसकी मां को इस बारे में नहीं बताया था. उसके शव को पोस्टमॉर्टम के बाद आज सुबह हमें सौंप दिया गया, जिसके बाद हमने उसे इस बारे में बताया.''
ग्रिश्मा का भाई भी इस हादसे में प्रभावित हुआ है, लेकिन वह जल्द ही ठीक हो गया, जिसके बाद उसे संबंधियों के घर भेज दिया गया है. शनिवार को ग्रिश्मा की गमगीन मां लक्ष्मी बेटी के शव के साथ अपने गांव वेंकटपुरम पहुंची.
एलजी संयंत्र के द्वार पर वाहन से उतरी और तेजी से वह अंदर पहुंच गई जहां पुलिस महानिदेशक डीजी स्वांग निरीक्षण कर रहे थे. वह उनके पैरों पर गिर गई और उनसे तुरंत एलजी प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाने लगी. हाथ जोड़कर लक्ष्मी ने उनसे संयंत्र को तुरंत बंद कराने की गुहार लगाई. पुलिसकर्मियों ने उसे सांत्वना देने की कोशिश की, लेकिन वह फैक्टरी से बाहर आई और विलाप करने लगी.
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