नई दिल्ली: विशाखापट्टनम जासूसी मामले में एनआईए ने एक मुख्य आरोपी गिटली इमरान को पंचमहल गोधरा से गिरफ्तार किया है. इमरान पर आरोप है कि इसने नौसेना के कुछ कर्मचारियों के खातों में जासूसी करने के लिए पैसे जमा कराए थे. इमरान के घर से तलाशी के दौरान कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं.
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि यह मामला एक अंतरराष्ट्रीय जासूसी रैकेट से संबंधित है, जिसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारतीय नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों की अंदरूनी संवेदनशील जानकारी लेने के लिए भारत स्थित अपने एजेंटों को एक्टिव किया. इन एजेंटों ने भारतीय नौसेना के कुछ कर्मियों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, जैसे फेसबुक व्हाट्सएप आदि के जरिए संपर्क स्थापित किया और धीरे-धीरे उन्हें अपने हितों के लिए साधना शुरू किया.
आरोप के मुताबिक इनमें से कुछ लोगों ने कुछ जानकारियां भारत में मौजूद आईएसआई के कथित एजेंटों को दी. आरोप यह भी है कि इन जानकारियों के बदले इन नौसेना कर्मियों के खातों में पैसा जमा कराया गया था. मामले की आरंभिक जांच के बाद एनआईए ने इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ 15 जून 2020 को एक आरोपपत्र भी दाखिल किया था. इसके बाद मामले की जांच के दौरान पता चला कि इस मामले का एक मुख्य आरोपी इमरान भी है, जो सीमा पर होने वाले ट्रेड के जरिए पाकिस्तान में आईएसआई के एजेंटों से जुड़ा हुआ है.
जांच के दौरान यही पता चला कि इमरान ही वह शख्स है, जिसने नौसेना कर्मियों के खातों में पैसे जमा कराए थे, सूचना के आधार पर एनआईए ने इमरान को सोमवार को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया और उसे अब आगे की पूछताछ के लिए रिमांड पर लाया गया है. एनआईए को उम्मीद है कि इमरान से पूछताछ के दौरान कुछ और अहम जानकारियां सामने आएंगी. ध्यान रहे कि विशाखापट्टनम जासूसी कांड में नौसेना के कुछ कर्मियों पर आरोप लगा था कि उन्होंने पैसों के बदले देशहित से संबंधित जानकारियां आईएसआई के एजेंटों के साथ साझा की थी. मामले की जांच जारी है.
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