विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित हमलों के खिलाफ सोमवार (2 दिसंबर, 2024) को प्रदर्शन किया और अत्याचारों को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप करने की मांग की. जंतर-मंतर पर प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले लोगों ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की मांग करते हुए नारेबाजी की. विहिप ने कहा कि यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार नहीं रुका तो देश दो हिस्सों में बंट सकता है. विहिप की दिल्ली इकाई के प्रमुख कपिल खन्ना ने कहा कि बांग्लादेश की स्थिति चिंताजनक है.


उन्होंने दावा किया कि हिंदुओं में गुस्सा है और वे अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए यहां आए हैं. उन्होंने कहा, 'बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं और लाखों हिंदू विस्थापित हो गए हैं. हमारी बहनों और बेटियों पर अत्याचार हो रहे हैं.' प्रदर्शन में शामिल हुए महंत नवल किशोर दास ने कहा, 'हमारी बहनों और बेटियों पर अत्याचार किया जा रहा है, धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किया जा रहा है और संतों को जेल में डाला जा रहा है. हिंदू इसे स्वीकार नहीं करेंगे.'


विहिप के प्रदेश सचिव सुरेन्द्र गुप्ता ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से इस मामले में हस्तक्षेप कर अत्याचारों को रोकने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर अत्याचार नहीं रुके तो बांग्लादेश के दो टुकड़े हो सकते हैं. बांग्लादेश में 17 करोड़ की आबादी में हिंदुओं की आबादी आठ फीसदी है.


बांग्लादेश में पांच अगस्त को शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद से देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर 50 से अधिक जिलों में 200 से अधिक हमले दर्ज किए गए हैं. इस्कॉन (अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ) ने बांग्लादेश की घटनाओं के विरोध में गुरुवार और शुक्रवार को कोलकाता में अपने अल्बर्ट रोड केंद्र पर विरोध स्वरूप कीर्तन किया, इस दौरान जेल में बंद हिंदू आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग की गई.


धार्मिक संस्था ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की हालत पर चिंता व्यक्त की. दास को राजद्रोह के एक मामले में गिरफ्तार किया गया और बाद में एक अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद राजधानी ढाका और चटगांव सहित विभिन्न स्थानों पर समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.


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