एक शख्स ने की डिमांड- मुस्लिम नहीं, हिंदू ड्राइवर चाहिए, ओला का जवाब- सेक्युलर भारत में हम भेद नहीं करते
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के एक कथित नेता अभिषेक मिश्रा ने एप बेस्ड ओला टैक्सी की बुकिंग इसलिए रद्द कर दी क्योंकि उसका ड्राइवर मुस्लिम था.
नई दिल्ली: हिंदू-मुस्लिम के बीच सामाजिक समरसता खत्म करने की कोशिश से कुछ लोग बाज नहीं आ रहे हैं. दरअसल विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के एक कथित नेता अभिषेक मिश्रा ने एप बेस्ड ओला टैक्सी की बुकिंग इसलिए रद्द कर दी क्योंकि उसका ड्राइवर मुस्लिम था. अभिषेक ने बुकिंग डिटेल्स का स्क्रिनशॉट साझा किया है. साथ ही उसने मसूद आलम नाम के ड्राइवर को 'जिहादी' तक कह दिया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, '''ओला कैब की बुकिंग कैंसिल कर दी क्योंकि ड्राइवर मुस्लिम था. मैं अपना पैसा जेहादियों को नहीं देना चाहता.''
Cancelled @Olacabs Booking because Driver was Muslim. I don't want to give my money to Jihadi People. pic.twitter.com/1IIf4LlTZL
— Abhishek Mishra (@Abhishek_Mshra) April 20, 2018
अभिषेक मिश्रा के ट्विट का जवाब ओला ने बखूबी दिया. जिसकी सोशल मीडिया पर खूब सराहना हो रही है. ओला ने कहा, ''हमारे देश की तरह टैक्सी सेवा उपलब्ध कराने वाली उनकी कंपनी एक सेक्युलर प्लेटफार्म है. हम अपने ड्राइवरों और उपभोक्ताओं में जाति, धर्म, लिंग या पंथ के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं. कंपनी ने सभी ग्राहकों और ड्राइवरों से आग्रह किया है कि वे एक-दूसरे से सम्मान के साथ व्यवहार करें.''
Ola, like our country, is a secular platform, and we don't discriminate our driver partners or customers basis their caste, religion, gender or creed. We urge all our customers and driver partners to treat each other with respect at all times.
— Ola (@Olacabs) April 22, 2018
कौन है अभिषेक मिश्रा? अभिषेक मिश्रा के वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट के मुताबिक, वो विश्व हिंदू परिषद का सदस्य हैं. खुद को हिंदुत्व थिंकर और डिजिटल और सोशल मीडिया सलाहकार बताया है. अभिषेक के ट्विटर हैंडल पर गौर करें तो बीजेपी और हिंदुत्ववादी संगठनों से जुड़े लोगों को वह फॉलो करते हैं. साथ उनके पोस्ट भी उसी प्रकृति के हैं.
ट्विटर पर बरसे लोग अभिषेक की कई यूजर्स ने जमकर आलोचना की है. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर समेत कई हस्ती शामिल हैं. शशि थरूर ने कहा, ''मुझे ऐसा भारत याद है जहां ऐसी सोच वाले व्यक्ति का बहिष्कार कर दिया जाता था बजाय उसका उत्साह बढ़ाने और उसे फॉलो करने के. हमें वापस भारतीयता लाने की जरूरत है.''
I remember an India where people who thought this way would have been ostracized rather than admired &"followed". We need to #BringIndiannessBack. https://t.co/410oU4JVuR
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) April 22, 2018
अभिषेक जी आपनेे अपने शिक्षा का परिचय दिया आज आपको शिक्षा देने वाले गुरु भी अपने आप को शर्मसार महसूस कर रहे होंगे दूसरे धर्म के व्यक्ति से नफरत करना आपके हिंदुत्व होगा हमारा हिंदुत्व तो हर धर्म से प्यार करना सिखाता है और हा ओला चलाने वाला जेहादी नहीं होता आपकी सोच जेहादी है।
— vinit dikshit (@vinitIYC) April 22, 2018
ग़ज़ब का देश हो रहा हे मेरा मजहब थोपा जा रहा हे इश्क़ रोका जा रहा हे ????????????
— ♥️प्रीतो♥️ (@preetiagr123) April 22, 2018
अभिषेक ने फैसले को सही ठहराया ट्विटर पर हो रही आलोचनाओं के बावजूद अभिषेक मिश्रा ने खुद को सही ठहराया. उन्होंने कहा कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं और उनके ट्विटर अकाउंट को हैक करने की कई बार कोशिश की गई.
Someone trying to reset my password. बड़ी मेहनत कर रहे है लोग ।
cc: @Twitter pic.twitter.com/ox9jtbC761 — Abhishek Mishra (@Abhishek_Mshra) April 23, 2018
If this views acceptable then why my views are not acceptable ? pic.twitter.com/170MWQuBpn
— Abhishek Mishra (@Abhishek_Mshra) April 22, 2018
People starts attack on me. Can I have no right to choose ? If they can run a campaign against Hanuman ji poster on cab, defamed Hindus and Hindus god in Kathua incident then they must be prepared for reply. https://t.co/GEWUVRvtwL
— Abhishek Mishra (@Abhishek_Mshra) April 22, 2018
अभिषेक ने कहा, ''अगर लोग हिंदुओं के देवी-देवताओं के खिलाफ कैंपेन चला सकते हैं, तो उन्हें भी जवाब के लिए तैयार रहना चाहिए.''