नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने कथित रूप से मानहानिपूर्ण लेख प्रकाशित करने पर एक समाचार पत्रिका के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल द्वारा दायर मानहानि की शिकायत पर मंगलवार को संज्ञान लिया. अदालत इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई करेगी.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई. एनएसए अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने सोमवार को कथित रूप से मानहानिपूर्ण लेख प्रकाशित करने पर एक समाचार पत्रिका के खिलाफ मानहानि शिकायत दायर की थी.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने ‘द कारवां’ के खिलाफ मामले में सुनवाई के लिए 30 जनवरी की तारीख तय की. अगली तारीख पर विवेक द्वारा बताए गए गवाहों के बयान दर्ज होंगे. विवेक के अलावा, दो अन्य गवाह उनके दोस्त निखिल कपूर और कारोबारी साथी अमित शर्मा हैं.
जब जज ने पूछा D कंपनी क्या है?
अदालत में सुनवाई के दौरान जज ने पूछा- डी कंपनी क्या है तो विवेक डोभाल ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कंपनी को भारत में दाऊद कंपनी के लिए इस्तेमाल किया जाता है और वह देश में आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं. लेकिन कारवां में छपे इस आर्टिकल में मुझे और मेरे परिवार पर डी कंपनी का नाम लेकर आरोप लगाए गए हैं एक तरह से मुझे देश विरोधी दिखाने की कोशिश की गई इससे भी मेरी छवि को खासा नुकसान पहुंचा है.
वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल के वकील ने कहा कि सारे देश को पता है कि डी कंपनी का क्या मतलब है. ऐसा विवेक डोवाल और उनके पिता को बदनाम करने के लिए किया गया.
विवेक डोभाल ने आगे कहा कि जो कुछ भी मुझे बदनाम करने के लिए न्यूज आर्टिकल में कहा गया और जिस तरीके से सोशल मीडिया पर लोगों ने उन पर रिएक्ट किया उससे मैं और मेरा परिवार बेहद परेशान रहा. में विदेश में रहकर अपनी कंपनिया चला रहा हूं और इस आर्टिकल से मेरी छवि ख़राब होने के साथ साथ मुझ पर लोगों की शक की निगाहें रहीं. मैंने जो कुछ भी हासिल किया है वो अपने दम पर अपनी मेहनत से हासिल किया है. इसमें मेरे परिवार का कुछ भी सहयोग नहीं है, मैंने कभी भी पारिवारिक संबंधों को अपने काम को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया है.
पिता का नाम बेवजह घसीटा जा रहा है-विवेक डोभाल
विवेक डोभाल ने कहा कि मेरे बिज़नेस में मेरे पिता जो देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार है, उनको बेवजह इसमें घसीटा जा रहा है. जबकि मेरे पिता का मेरे किसी भी तरीके से कोई लेना देना नही है.
वहीं विवेक डोभाल के वकील डीपी सिंह ने कहा कि इस तरह के लेख के चलते लोगों का विश्वास मुझमें कमजोर हुआ है. मुझे लोगों को जवाब देना पड़ रहा है, निवेशको के विश्वास को धक्का पहुँचा है. कारवां के पत्रकारों ने लेख लिखने से पहले ज़रूरी अध्य्यन भीं नही किया. वकील ने कहा कि जाहिर है इस लेख के जरिये एक परिवार को टारगेट किया गया है. आखिर आर्टिकल में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर की तस्वीर लगाने और उस पर डी कम्पनी शीर्षक देने का क्या औचित्य है.
क्या है मामला
विवेक डोभाल पत्रिका, लेख के लेखक कौशल श्रॉफ और कांग्रेसी नेता जयराम रमेश के खिलाफ अदालत पहुंचे हैं. रमेश ने 17 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन आयेाजित करके लेख में लिखे ‘‘बेबुनियाद और मनगढंत तथ्यों’’ को दोहराया था.
‘द कारवां’ ने 16 जनवरी को अपनी ऑनलाइन पत्रिका में ‘द डी कंपनीज’ शीर्षक से खबर दी थी जिसमें कहा गया था कि विवेक ‘‘कर चोरी की स्थापित पनाहगाह केमन द्वीप समूह पर एक विदेशी फंड कंपनी चलाते हैं’’ जिसका ‘‘पंजीकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा 2016 में 500 और एक हजार रुपये के नोट बंद करने के केवल 13 दिन बाद हुआ.’
‘कारवां’ पत्रिका और जयराम रमेश के खिलाफ अदालत पहुंचे अजीत डोभाल के बेटे, मानहानि का आरोप लगाया
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