नई दिल्ली: एक तरफ़ जहाँ सरकार वरिष्ठ मंत्री किसान आंदोलन को ख़त्म करने के लिए किसान नेताओं से बैठक कर समिति बनाने की सिफ़ारिश कर रहे हैं तो वहीं मोदी सरकार के ही एक मंत्री ने ऐसा बयान दिया है जिससे बात सुलझने की जगह और बिगड़ सकती है. मंत्री जी को किसान आंदोलन की तस्वीरों से अंदाज़ा हो रहा है कि ये लोग कोई और हैं.
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा है कि आंदोलन की तस्वीरों में दिख रहे कई लोग किसान नजर नहीं लग रहे हैं. जो कुछ भी किया गया है वो किसानों के हित में है. उन्होंने कहा कि आंदोलन में वे किसान नहीं है जिन्हें इन कानूनों से कोई दिक्कत है, यह कोई और लोग हैं. विपक्ष पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा कि विपक्ष के अलावा इनमें कमीशन पर काम करने वाले भी शामिल हैं.
वीके सिंह के इस बयान पर आम आदमी पार्टी ने हमला बोला है. आम आदमी पार्टी ने अपने ट्वविटर हैंडल से पलटवार करते हुए लिखा कि उन्हें किसान दिखने के लिए क्या उन्हें अपने हल और बैल लेकर आना चाहिए था.
किसानों और सरकार के बीच नहीं बनी बात, तीन को फिर बैठक
किसान नेताओं और सरकार के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही. किसानों और सरकार के नुमाइंदों के कमेटी के प्रस्ताव को किसानों ने ठुकरा दिया. परसों एक बार फिर किसान और सरकार के बीच बातचीत होगी. दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई बैठक में किसानों की ओर से अलग अलग संगठनों के 35 नेता शामिल हुए. वहीं सरकार की ओऱ से तीन मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोमप्रकाश शामिल हुए.
खिलाड़ियों ने पद्म पुरस्कार वापस करने का एलान किया
पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड सम्मानित सहित कई पूर्व खिलाड़ियों ने एलान किया है कि कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली जा रहे किसानों पर हुए बल प्रयोग के विरोध में वे अपने पुरस्कार लौटाएंगे. इनमें पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड विजेता पहलवान करतार सिंह, अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित बास्केटबॉल खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा और अर्जुन अवॉर्ड से ही सम्मानित हॉकी खिलाड़ी राजबीर कौर शामिल हैं. इन्होंने बताया कि पांच दिसंबर को वे दिल्ली जाएंगे और राष्ट्रपति भवन के बाहर अपने पुरस्कार रखेंगे.