India-Russia Summit Live: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 2+2 बैठक में कहा- भारत-रूस संबंध बदलती हुई दुनिया में और हुए मजबूत, समय की कसौटी पर खरे उतरे

India-Russia Summit Live: भारतीय विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति का मध्य एशिया समेत व्यापक असर पड़ा है. समुद्रिक सुरक्षा हमारे बीच साझा चिंता का एक अन्य विषय है.

ABP Live Last Updated: 06 Dec 2021 01:03 PM
राजनाथ ने कहा- हमें उम्मीद है रूस इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भारत के लिए एक प्रमुख भागीदार बना रहेगा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ.एस.जयशंकर ने रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ भारत और रूस के बीच पहली बार हो रही 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में हिस्सा लिया. भारत-रूस डिफेंस इंगेजमेंट में हाल के दिनों में अभूतपूर्व तरीके से प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि रूस इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भारत के लिए एक प्रमुख भागीदार बना रहेगा.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- भारत-रूस संबंध और प्रगाढ़ हुए

विदेश मंत्री एस जयशंकर ‘टू प्लस टू’ वार्ता में कहा कहा कि भारत-रूस संबंध बदलती हुई दुनिया में और घनिष्ठ हुए तथा समय की कसौटी पर खरे उतरे. उन्होंने आगे कहा कि भारत-रूस ‘टू प्लस टू’ वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद तथा कट्टरवाद को क्षेत्र के समक्ष प्रमुख चुनौतियों के रूप में वर्णित किया.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- सामुद्रिक सुरक्षा साझा चिंता का एक अन्य क्षेत्र

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस के साथ 2+2 अंतर मंत्रीस्तरीय बैठक के दौरान सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति का मध्य एशिया समेत गहरा असर हुआ है. उन्होंने कहा कि सामुद्रिक सुरक्षा साझा चिंता का एक अन्य क्षेत्र है. जबकि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा सहयोग हमारी साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है. मुझे उम्मीद है कि भारत-रूस साझेदारी पूरे क्षेत्र में शांति लाएगी और क्षेत्र को स्थिरता देगी. इस दौरान दोनों के बीच अहम समझौतों पर दस्तखत भी हुए.

बैकग्राउंड

Vladimir Putin India Visit Live: रूस के साथ 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद और कट्टरवाद का मुद्दा उठाया. रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री स्तरीय बैठक के दौरान एस. जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद की लंबे समय से चुनौतियां और हिंसक कट्टरवाद नई चुनौतियों में शामिल है. भारतीय विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति का मध्य एशिया समेत व्यापक असर पड़ा है. समुद्रिक सुरक्षा हमारे बीच साझा चिंता का एक अन्य विषय है.


इससे पहले, व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से पहले रूस के रक्षा मंत्री के साथ उनके समकक्ष राजनाथ सिंह ने मुलाकात की. रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगु के साथ बातचीत के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और रूस के संबंध बहुपक्षवाद, वैश्विक शांति, समृद्धि और आपसी समझ और विश्वास में समान रुचि के आधार पर समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं.


उभरती भू-राजनीतिक परिस्थितियों में आज वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन एक बार फिर हमारे देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी के महत्वपूर्ण महत्व की पुष्टि करता है. राजनाथ ने कहा, रक्षा सहयोग हमारी साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है. मुझे उम्मीद है कि भारत-रूस साझेदारी पूरे क्षेत्र में शांति लाएगी और क्षेत्र को स्थिरता देगी. इस दौरान दोनों के बीच अहम समझौतों पर दस्तखत भी हुए.


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