Vladimir Putin On PM Narendra Modi: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार (7 दिसंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रीय हितों के विपरीत निर्णय लेने के लिए डराया या मजबूर नहीं किया जा सकता है. पुतिन ने पीएम मोदी के सख्त रुख की जमकर तारीफ की.


न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय ने 14वें वीटीबी इन्वेस्टमेंट फोरम 'रूस कॉलिंग' में पुतिन के हवाले से कहा, ''मैं कल्पना नहीं कर सकता कि मोदी को भारत और भारतीय लोगों के राष्ट्रीय हितों के विपरीत कोई भी कार्य, कदम और निर्णय लेने के लिए डराया, धमकाया या मजबूर किया जा सकता है. और ऐसा दबाव है, मैं जानता हूं. वैसे वो और मैं इस बारे में कभी बात भी नहीं करते. मैं बस यह देखता हूं कि बाहर से क्या हो रहा है और कभी-कभी ईमानदारी से कहूं तो मैं भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा पर उनके सख्त रुख से आश्चर्यचकित भी होता हूं.''


'भारत-रूस के संबंध में मुख्य गारंटर पीएम मोदी की नीति'


पुतिन ने भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ''मैं कहना चाहूंगा कि रूस और भारत के बीच संबंध सभी दिशाओं में प्रगतिशील रूप में विकसित हो रहे हैं और पीएम मोदी की ओर से अपनाई गई नीति इसकी मुख्य गारंटर है. वह निश्चित रूप से विश्व राजनीतिक हस्तियों के उस समूह से संबंधित हैं जिनके बारे में मैंने बिना नाम लिए बात की.''


वह वास्तव में सही काम कर रहे हैं- व्लादिमीर पुतिन


भारत और रूस के बीच बढ़ते व्यापार को लेकर रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ''पिछले साल यह 35 अरब डॉलर प्रति वर्ष था और इस साल की पहली छमाही में यह पहले से ही 33.5 अरब डॉलर था. यानी इसमें बढ़ोतरी महत्वपूर्ण होगी.'' उन्होंने कहा, ''हां, हम सभी समझते हैं कि काफी हद तक रूसी ऊर्जा संसाधनों पर छूट के कारण भारत को प्राथमिकताएं मिलती हैं. खैर, वह वास्तव में सही काम कर रहे हैं."


उन्होंने कहा, ''अगर मैं उनकी जगह होता तो इस तरह स्थिति विकसित होने पर मैं भी ऐसा ही करता. वे पैसा कमाते हैं और यह सही भी है. लेकिन बेशक यह पर्याप्त नहीं है. हमारे पास बहुत ज्यादा अवसर हैं. दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं की वैश्विक रैंकिंग में क्रय शक्ति समता और आर्थिक मात्रा के आधार पर भारत इस सूची में तीसरे स्थान पर है और रूस पांचवें नंबर पर है.''


'भारत के साथ व्यापार बढ़ाना सही होगा'


पुतिन ने पांचों देशों के नाम भी बताए. रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ''आपको याद दिला दूं ये चीन, अमेरिका, भारत, जापान और रूस है.'' उन्होंने यह भी कहा, ''अगर इस साल चीन के साथ हमारा व्यापार टर्नओवर 200 बिलियन के करीब है तो हमारे लिए भारत के साथ इसे बढ़ाना सही होगा.''


ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी रूसी नेता ने भारत की विदेश नीति की तारीफ की है. इससे पहले नवंबर में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने ग्लोबल साउथ और ग्लोबल ईस्ट जैसे खिलाड़ियों के उदय के कारण वैश्विक संरचना और बहुध्रुवीय बदलाव के बारे में बताते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान का हवाला दिया था. उन्होंने जयशंकर की उस टिप्पणी का हवाला दिया था जिसमें कहा गया था कि दुनिया यूरोप से कहीं ज्यादा है और दुनिया पश्चिम से कहीं ज्यादा है.


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