लखनऊ: बीएसपी से निष्कासित नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी को शामिल किए जाने के तीन दिन के भीतर ही कांग्रेस में विरोध के स्वर उठने लगे हैं. कांग्रेस ने इस संबंध में सोशल नेटवर्किंग साइट पर टिप्पणी के लिए आज अपने दो नेताओं से स्पष्टीकरण मांगा. कांग्रेस की एक प्रेस रिलीज में कहा गया कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी सिद्दीकी और दूसरे लोगों के पार्टी में शामिल होने को लेकर फेसबुक पर विरोध प्रकट करने को अनुशासनहीनता मानती है.


प्रवक्ता जीशान हैदर ने कहा कि अनुशासन समिति के सदस्य फजले मसूद ने पार्टी के सचिवों अ​वधेश सिंह और संजय दीक्षित से तत्काल स्पष्टीकरण मांगा है. संजय दीक्षित ने पोस्ट में कहा कि सिद्दीकी मायावती सरकार के समय हुए सभी बड़े घोटालों में शामिल रहे और वह हमेशा मायावती के दाहिने हाथ थे. एक दागी नेता को कैसे कांग्रेस में शामिल किया जा सकता है, जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी स्वच्छ राजनीति की वकालत कर रहे हैं.


वहीं अवधेश सिंह ने पोस्ट में कहा कि सिद्दीकी ने लखनऊ में बीएसपी के प्रदर्शन के दौरान ठाकुरों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी और ठाकुर उन्हें कभी पार्टी में नहीं चाहेंगे. सिद्दीकी इसी सप्ताह औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल हुए. उन्हें पिछले साल ही पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए बीएसपी से निष्कासित किया गया था.