ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का भारत में ट्रायल एस्ट्रेजेनिका और पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की तरफ से किया जा रहा है. तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान चेन्नई में एक वालेंटियर ने वैक्सीन लेने के बाद खुद को बीमार बीमार होने का आरोप लगाया और कंपनी से 5 करोड़ का मुआवजा मांगने के साथ इसके चल रहे ट्रायल पर रोक की मांग की थी. इसके बाद सीरम इंस्टीट्यूट ने उस वालेंटियर पर 100 करोड़ का जुर्माना ठोक दिया गया है. सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि संस्थान की छवि खराब करने के लिए लगाए गए आरोपों के चलते उसने ये हर्जाना ठोका है.


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उस वालेंटियर की पत्नी ने कहा कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के ट्रायल के दौरान उनके पति के ऊपर इसका काफी दुष्प्रभाव पड़ा है. उन्होंने बताया कि उनके पति को प्रोफेशन के तहत जो अमेरिकी प्रोजेक्ट मिला था वह भी वे गंवा बैठे. इतना ही नहीं, पति की हालत ये हो गई है कि वे एक आसान सा ऑनलाइन पेमेंट भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं.


इससे पहले, सीरम इंस्टीट्यूट ने वालेंटियर के बीमार पड़ने के इस दावे को खारिज कर दिया. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने मंगलवार को कहा कि उसकी कोरोना वैक्सीन पूरी तरह ‘सुरक्षित और प्रतिरोधी’ है. दवा निर्माता कंपनी ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान एक वालेंटियर वैक्सीन की खुराक लेने के चलते बीमार नहीं पड़ा. पुणे की इस कंपनी ने यह भी कहा कि उन्होंने उस व्यक्ति को कानूनी कार्रवाई का नोटिस भी भेजा है, जिसने यह दावा किया कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान उसे गंभीर साइड इफैक्ट्स हुए हैं.


भारत में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का सीरम इंस्टीट्यूट और एस्ट्रेजेनिका की तरफ से क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है. एसआईआई के साथ वालेंटियर ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और चेन्नई के श्रीराम चंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च का भी नाम दिया है, जिसने वालेंटियर्स को वैक्सीन की खुराक दी है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने पूरे मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी को भेजा है.


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सीरम इंस्टीट्यूट ने चेन्नई के वॉलेंटियर के आरोपों को नकारा, 100 करोड़ का मानहानि केस करने की दी चेतावनी