मुंबईः मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक ही महीने में दो ऐसी कार्रवाई की है जिसमें स्पर्म व्हेल की उल्टी की तस्करी की जा रही थी. इस बार क्राइम ब्रांच की यूनिट 3 ने दो लोगों को सात करोड़ 75 लाख रुपये कीमत की स्पर्म व्हेल की उल्टी (एम्बरग्रीस) के साथ गिरफ्तार किया है.


चौंकाने वाली बात है कि इस मामले में गिरफ्तार एक आरोपी मुंबई पुलिस में कॉन्स्टेबल रह चुका है और उसकी इसी तरह की गैरकानूनी हरकतों के चलते उसे पुलिस विभाग से साल 2016 में निकाला गया था. क्राइम ब्रांच ने बताया गिरफ्तार पूर्व कॉन्स्टेबल का नाम प्रसाद हीराचंद पिंगले है, जिसकी उम्र 44 साल है तो दूसरे आरोपी का नाम अमित पाटिल है.


क्राइम ब्रांच यूनिट 3 के इंचार्ज सोपान काकड़े ने बताया की हमें जानकारी मिली थी कि कुछ लोग एम्बरग्रीस की डिलीवरी देने के लिए आने वाले हैं. इसके बाद हमने ट्रैप लगाकर दोनों को अपने हिरासत में लिया और उनकी तलाशी के दौरान हमें उनके पास से साढ़े सात किलो 750 ग्राम स्पर्म व्हेल मछली की उल्टी यानी कि एम्बरग्रीस बरामद हुई. इस एम्बरग्रीस कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत सात करोड़ 75 लाख रुपये है.


पहले भी हो चुकी है कार्रवाई


मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 4 ने तीन ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया था जो लोग दुर्लभ प्रजाति की स्पर्म व्हेल की उल्टी से निकले एम्बरग्रीस की कालाबाजारी कर रहे थे. क्राइम ब्रांच के डीसीपी प्रकाश जाधव ने बताया कि हमें एक गुप्त जानकारी मिली थी कि कुछ लोग व्हेल की उल्टी जिसे वोमिट गोल्ड भी कहते हैं, उसे बेचने के लिए मुंबई लाए हैं. जिसके बाद हमने मरीन बायोलॉजिस्ट को अपने साथ ले जाकर मुलुंड इलाके में छापेमारी की. 


छापेमारी के दौरान हमें वहां पर तीन लोग मिले, जिनके पास एक थैली में ब्राउन कलर का पदार्थ दिखाई दिया. जिसका वजन दो किलो सात सौ ग्राम था. इसके बाद हमने उस पदार्थ को मरीन बायोलॉजिस्ट से जांच कराई तो पता चला कि वो पदार्थ वोमिट गोल्ड है.


जाधव ने बताया कि वोमिट गोल्ड अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत ज्यादा महंगा बिकता है, जिसकी कीमत एक करोड़ रुपये प्रति एक किलो है. हमने 2.7 किलोग्राम वोमिट गोल्ड यानी कि एम्बरग्रीस पकड़ा है. जिसकी कुल कीमत दो करोड़ सत्तर लाख रुपये हैं. गिरफ्तार हुए आरोपियों का नाम रमेश वगेला, अरविंद शाह और धनाजी ठाकुर है. इनमें से एक आरोपी गुजरात के राजकोट का रहने वाला तो दो आरोपी मुलुंड के रहने वाले हैं.


क्राइम ब्रांच ने बताया कि ये वोमिट गोल्ड एक दुर्लभ प्रजाति की स्पर्म व्हेल के शरीर से उल्टी के माध्यम से बाहर निकलता है, यह इतना हल्का होता है कि यह समुद्र के पानी की सतह पर तैरने लगता है. इसे वाइल्ड लाइफ कानून के तहत संरक्षित किया गया है और अगर कोई इसका गैरकानूनी तरीके से व्यापार करता हुआ पाया जाता है तो उस पर कानूनी करवाई की जाती है.


कैसे मिलती है वोमिट गोल्ड?


सूत्रों ने बताया कि यह वोमिट गोल्ड गुजरात से मुंबई लाया गया था. गुजरात से समुद्र में जाकर कई लोग समुद्र के बहुत अंदर जाकर इस तरह के वोमिट गोल्ड की तलाश करते हैं. कई बार तो इत्तेफाक ऐसा भी होता है कि कोई मछुवारा मछली पकड़ने के लिए जाल बिछाता है और उसके जाल में वोमिट गोल्ड आ जाता है लेकिन जानकारी ना होने के चलते इसे लोग वापस पानी मे फेंक देते हैं और कई लोग जिसे इसकी जानकारी है वो समुद्र में गश्त कर इसे ढूंढते हैं और इसकी कालाबाजारी की जाती है.


किस काम आती है वोमिट गोल्ड?


कहने को तो यह उल्टी (वोमिट) है लेकिन इससे बहुत ही अच्छी खुशबू आती है. इसका इस्तेमाल लाखों रुपये में बिकने वाली परफ्यूम में किया जाता. इसका कई और जगह भी इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि महंगी शराब बनाने में, दवाइयां बनाने में और तो और महंगे सिगरेट बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. इस दुर्लभ वोमिट गोल्ड की मांग ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देशों में बहुत ही ज्यादा होता है.


आगे की जांच 


क्राइम ब्रांच ने तीनों ही आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया है और अब क्राइम ब्रांच के अधिकारी यह पता लगा रहे हैं कि आखिर इस पूरे नेटवर्क के तार कहां तक जुड़े हैं. जैसे कि कौन से शख्स ने इसे समुद्र से बाहर निकाला, कौन इसे मुंबई तक लाया, मुंबई से यह किसे बेचा जाने वाला था और फिर इसे किस काम के लिए उपयोग में लाया जाने वाला था.


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