Vostok 2022 Military Exercise Update: रूस (Russia) की मल्टीनेशनल वोस्तोक-2022 एक्सरसाइज (Vostok 2022 Military Exercise) में भारत (India) के हिस्सा लेने पर अमेरिका (America) ने एतराज जताया है. अमेरिका के मुताबिक, रूस ने यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है, ऐसे में रूस के साथ किसी भी देश के युद्धाभ्यास को लेकर अमेरिका को गहरी चिंता है.
इस सवाल के जवाब में कि भारत अमेरिका का सहयोगी-देश है ऐसे में क्या भारत को रूस के साथ एक्सरसाइज में हिस्सा ना लेने पर अमेरिका भारत पर दवाब डालेगा, अमेरिकी व्हाइट हाउस (President Office) के प्रवक्ता ने कहा कि रूस के साथ किसी भी देश के युद्धाभ्यास को लेकर अमेरिका को चिंता है और एक्सरसाइज में हिस्सा लेने वाले हरेक देश को इस बारे में सोचना चाहिए.
भारत की गोरखा रेजीमेंट ले रही हिस्सा
बता दें कि रूस के व्लादिवोस्तोक में गुरूवार से वोस्तोक-2022 एक्सरसाइज शुरू हो रही है. रूस के अलावा भारत, चीन (China), मंगोलिया, अल्जीरिया, अजरबैजान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, सीरिया और निकारगुआ देशों की सेनाएं इस एक्सरसाइज में हिस्सा ले रही हैं. ट्राइ-सर्विस यानि जल, थल और आकाश में होने वाली इस युद्धाभ्यास में करीब 50 हजार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. भारत की गोरखा रेजीमेंट (Gurkha Regiment of India) की एक टुकड़ी जिसमें 80 सैनिक हैं वोस्तोक एक्सरसाइज में हिस्सा ले रही है. भारत ने हालांकि इस युद्धाभ्यास में अपनी शिरकत को बहुत प्रचारित नहीं किया है.
एक हफ्ते तक चलेगा युद्धाभ्यास
रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वोस्तोक एक्सरसाइज एक स्ट्रेटेजिक कमांड पोस्ट एक्सरसाइज है जो रूस के पूर्वी क्षेत्र की सुरक्षा पर केंद्रित है और इसमें भारत और चीन सहित एक दर्जन मित्र-देशों की सेनाएं हिस्सा ले रही हैं. करीब 50 हजार सैनिकों के अलावा इस एक्सरसाइज में 5000 टैंक, तोप और दूसरे हथियार शामिल हैं. इसके अलावा 140 एयरक्राफ्ट और 60 युद्धपोत भी इस युद्धाभ्यास का हिस्सा है.
रूस की ईस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक (थियेटर कमांड) और पैसेफिक-फ्लीट के तत्वाधान में एक हफ्ते तक चलने वाली इस एक्सरसाइज का आयोजन किया गया है. माना जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन भी इस एक्सरसाइज की समीक्षा करने के लिए व्लादिवोस्तोक पहुंच सकते हैं.
अमेरिका को इस एक्सरसाइज पर चिंता
व्लादिवोस्तोक रूस के सुदूर-पूर्व में जापान के सागर पर स्थित है. ऐसे में जापान और अमेरिका को इस एक्सरसाइज को लेकर अपनी चिंताएं हैं. हाल ही में रूस के दो स्ट्रेटेजिक बॉम्बर एयरक्राफ्ट के जापान सागर के ऊपर उड़ान भरने से जापान नाराज हो गया था और अपने फाइटर जेट स्क्रैम्बल कर दिए थे.
चीन की पीएलए सेना भी वोस्तोक एक्सरसाइज में बड़े स्तर पर हिस्सा ले रही है. चीन के सैनिक, टैंक और आर्मर्ड-व्हीक्लस ट्रेन के जरिए व्लादिवोस्तोक पहुंच गए हैं. ताइवान के खिलाफ चीन के आक्रामक रवैये को लेकर अमेरिका पहले से ही नाराज है. ऐसे में रूस और चीन के गठजोड़ से अमेरिका चिंतित है.
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