Election Laws Amendment Bill 2021: Voter ID Card को आधार (Aadhar) से जोड़ने वाला बिल लोकसभा (Loksabha) के बाद आज राज्य सभा (Rajya Sabha) से भी पास हो गया. संसद (Parliament) के दोनों सदन से पास होने के बाद यह बिल अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून की शक्ल ले लेगा. हालांकि विपक्ष लगातार इसको लेकर अपने संदेह जाहिर करता रहा और इस बिल का विरोध करता रहा. लेकिन सरकार का यही कहना था कि इस बिल से फर्जी मतदान को रोकने में मदद मिलेगी. राज्यसभा से आज यह बिल तमाम विपक्षी पार्टियों के विरोध के बाद भी पास हो गया. बिल पास होने के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री किरेण रिजिजू ने इसे जरूरी बताया. उन्होंने यह भी कहा कि आधार कार्ड को वोटर लिस्ट के साथ जोड़ना जरूरी नहीं है. किरेण रिजिजू ने बताया कि यह स्वैच्छिक यानी वॉलेंटरी है. उन्होंने कहा कि इस कदम से वोटरों का वेरिफिकेशन करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही आधार को वोटर आईडी लिंक करने के बाद फर्जी वोटिंग को रोकने में भी मदद मिलेगी.


केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक इस बिल में यह प्रावधान किया गया है कि अगर कोई मतदाता वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक नहीं भी करता है तो भी उसका नाम वोटर लिस्ट से हटाया नहीं जाएगा. इसके साथ ही आधार कार्ड का नंबर देना भी पूरी तरह से वैकल्पिक होगा.


केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि चुनाव सुधार के नजरिये से देखा जाए तो यह बिल बहुत ही अहम है. मौजूदा व्यवस्था में अगर 2 जनवरी तक किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में नहीं आया तो उसको 1 साल तक इंतजार करना पड़ता था पर यह कानून बनने के बाद अब इसके लिए साल में 4 बार नाम मतदाता सूची में जुड़वाने का विकल्प खुल जाएगा.


हालांकि, लोकसभा से लेकर राज्यसभा तक तमाम विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध करते हुए अपनी-अपनी आशंकाएं भी इसको लेकर जाहिर की. हालांकि, माना जा रहा है कि इस कानून का सबसे बड़ा फायदा मतदाताओं को होगा, क्योंकि इससे मतदाताओं की पहचान सत्यापित हो सकेगी और फर्जीवाड़े को रोका जा सकेगा. बता दें कि इस बिल की जरूरत इसलिए और ज़्यादा बढ़ जाती है क्योंकि मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा अकसर उठता रहा है और कानून बनने के बाद फर्जीवाड़े पर लगाम लग सकेगी.