मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शनिवार को कहा कि, 2024 के लोकसभा चुनावों में चुनिंदा मतदाताओं को रिमोट वोटिंग की सुविधा भी दी जा सकती है. चुनाव आयुक्त के अनुसार यदि कोई मतदाता किसी कारण से पोलिंग बूथ पर नहीं पहुंच पाता है तो वो इस रिमोट वोटिंग के विकल्प का इस्तेमाल कर अपने मत का प्रयोग कर सकता है. हालांकि उन्होंने ये भी स्पष्ट किया है कि इंटरनेट आधारित वोटिंग या घर बैठे वोटिंग की सुविधा देना इस प्रोजेक्ट का मकसद नहीं है.


मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने ये बात संसद रत्न अवॉर्ड-2021 के कार्यक्रम में कही. उन्होंने कहा, "आईआईटी चेन्नई व अन्य आईआईटी संस्थान के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम इस रिमोट वोटिंग या ब्लॉकचेन वोटिंग सिस्टम पर जोर शोर से काम कर रही है. हमें उम्मीद है कि, इसका पहला पायलट प्रोजेक्ट अगले दो-तीन महीनों में शुरू हो जाएगा."




वोटिंग में पारदर्शिता और गोपनीयता का सर्वोच्च स्थान 


अगले महीने रिटायर हो रहे मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने साथ ही कहा कि, "देश भर में स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव सुनिश्चित करने के लिए वोटिंग में पारदर्शिता और गोपनीयता हमेशा से ही चुनाव आयोग के लिए अहम रही है. इस परियोजना का उद्देश्य न तो इंटरनेट आधारित मतदान है और न ही इसमें घर से मतदान करने का विकल्प शामिल है." साथ ही उन्होंने कहा कि विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श के बाद आयोग जल्द ही इस तरह के मतदान के अंतिम मॉडल को आकार देगा.


राजनीतिक दलों और दूसरे पक्षों से होगा विमर्श 


अरोड़ा ने कहा कि मतदान के इस नए विकल्प से कुछ प्रक्रियात्मक बदलाव भी होगा लेकिन ऐसा करने से पहले राजनीतिक दलों और दूसरे पक्षों से बातचीत की जाएगी. रिमोट वोटिंग में ‘ब्लॉकचेन’ तकनीक से वोटिंग की जाएगी. इसके लिए लोगों को आयोग द्वारा चिह्नित जगहों पर पहुंचना होगा. वहां पर बायोमीट्रिक अटेंडेंस लेने और वेब कैमरे पर फोटो खिंचने के बाद उन्हें वोट डालने की अनुमति दी जाएगी.


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