V V Giri Birth Anniversary: आयरलैंड से की वकालत, बने देश के पहले ऐसे राष्ट्रपति, जिन्हें कोर्ट में देनी पड़ी पेशी
V. V. Giri Birth Anniversary: आयरलैंड से भारत लौटने के बाद वह श्रम आंदोलन से जुड़े और साथ में कांग्रेस से भी जुड़ गए. वी.वी गिरी 1913 में वकालत की पढ़ाई के लिए आयरलैंड चले गए थे.
V. V. Giri Birth Anniversary: देश के चौथे राष्ट्रपति वीवी गिरी का आज 129वां जन्मदिन है. उनका जन्म 10 अगस्त 1894 को ओडिशा के ब्रह्मपुर में हुआ था. वीवी गिरी का पूरा नाम वराहगिरी वेंकट गिरी है. गिरी 24 अगस्त, 1969 से 24 अगस्त, 1974 तक भारत के राष्ट्रपति के पद पर रहे. उन्हें साल 1975 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
वीवी गिरी 20 साल की उम्र में ही पंडित मोतीलाल नेहरू और चितरंजन दास से स्थापित स्वराज्य पार्टी में शामिल हो गए और 1927 से 1930 तक केंद्रीय विधान सभा (अंग्रेजों के शासन के वक्त) के सदस्य रहे. गिरी को पहली बार 1992 में शराब की बिक्री के खिलाफ प्रदर्शन करने पर गिरफ्तार किया गया था. 1923 में, गिरी ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के संस्थापकों में से एक बने.
आयरलैंड से की वकालत
साल 1913 में वकालत की पढ़ाई के लिए वो आयरलैंड चले गए थे, जहां उन्होंने 1913 से लेकर 1916 तक डबलिन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की. इस दौरान उनकी मुलाकात प्रसिद्ध ब्रिटिश विद्रोही डी वलेरा से हुई. गिरी वलेरा से काफी प्रभावित थे, जिसके चलते वो आयरलैंड की स्वतंत्रता के लिए चल रहे 'सिन फीन आंदोलन' से जुड़े और अपना योगदान दिया. स्वतंत्रता के आंदोलन में उन्हें भाग लेने की वजह से आयरलैंड से बाहर निकल दिया गया. आंदोलन में उनकी मुलाकात कई महान स्वतंत्रता सेनानियों से हुई.
कोर्ट में होना पड़ा हाजिर
वीवी गिरी देश के इकलौते ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिनको कोर्ट में हाजिर होना पड़ा. साल 1969 में वीवी गिरी देश के राष्ट्रपति बने और उनके निर्वाचन के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई. इस मामले में वीवी गिरी को कोर्ट में हाजिर होना पड़ा. वीवी गिरी का निधन साल 24 जून 1980 में हुआ था.
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