नई दिल्ली: वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में इटली की एक अदालत से दो आरोपियों जी. ओरसी और ब्रूनो स्पैगोलिनी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. इस पर सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि फिनमेकानिका और अगस्तावेस्टलैंड के पूर्व शीर्ष अधिकारियों गियूसेपे ओरसी और ब्रूनो स्पेगनोलिनी को बरी किये जाने से एजेंसी के मामले पर कोई असर नहीं होगा.अधिकारियों का कहना है कि ये मामला मजबूत साक्ष्यों के साथ स्वतंत्र जांच पर आधारित है.


बता दें कि रक्षा और एयरोस्पेस उपकरण बनाने वाली कंपनी फिनमेकानिका के पूर्व अध्यक्ष ओरसी और कंपनी की हेलीकॉप्टर निर्माण इकाई अगस्तावेस्टलैंड के पूर्व सीईओ स्पेगनोलिनी को सोमवार को इटली की एक अदालत ने बरी कर दिया. इस फैसले के बाद ही केंद्रीय जांच एजेंसी का यह बयान आया है.


सूत्रों ने कहा कि इटली की अदालतों में मामला इतालवी अधिकारियों द्वारा जुटाए गए सबूतों पर आधारित है जबकि सीबीआई ने मामले में पूरी तरह स्वतंत्र जांच की है. उन्होंने कहा कि मिलान अदालत के आदेश के बाद भी इटली के अधिकारियों के पास अपील करने का एक विकल्प है.


सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, ‘‘हमने पूरी तरह अलग जांच की है. हमारा मामला बहुत मजबूत है.’’ ओरसी और स्पेगनोलिनी के खिलाफ मामला 2012 में इटली के अधिकारियों द्वारा शुरू की गई जांच के बाद दर्ज किया गया. इटली के अधिकारी भारत को 12 हेलीकॉप्टरों की बिक्री के लिए 3600 करोड़ रुपये के सौदे में कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रहे थे.