EVM-VVPAT मामले में विपक्षी पार्टियों की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि उसे पिछले आदेश में बदलाव की ज़रूरत नहीं लगती. 8 अप्रैल को कोर्ट ने इस मामले में विपक्षी पार्टियों की दलील को स्वीकार करते हुए हर विधानसभा क्षेत्र में अब तक लागू 1 EVM और VVPAT के मिलान को बढ़ा कर 5 कर दिया था. विपक्षी पार्टियां इसे और बढ़ाने की मांग कर रही थीं.
8 अप्रैल का आदेश
कांग्रेस समेत 21 पार्टियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हर विधानसभा क्षेत्र से 1 की बजाय 5 EVM के नतीजों का VVPAT की पर्चियों से मिलान किए जाने का आदेश दिया था.
विपक्षी पार्टियों ने 50 फीसदी EVM वोटिंग के VVPAT से मिलान की मांग की थी. इसे कोर्ट ने अव्यवहारिक माना था. लेकिन सुप्रीम चुनाव प्रक्रिया को ज़्यादा विश्वसनीय बनाने के लिए पहले के मुकाबले मिलान को 5 गुना बढ़ा दिया था.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था, "याचिका में जो मांग की गई है, उससे मौजूदा मिलान प्रक्रिया 125 गुणा बढ़ जाएगी. ये पूरी तरह अव्यवहारिक होगा. लेकिन फिर भी हम इस दलील से सहमत हैं कि चुनाव प्रक्रिया को ज्यादा विश्वसनीय बनाने की कोशिश करनी चाहिए. इसलिए ये आदेश देते हैं कि हर विधानसभा क्षेत्र से 5 EVM मशीनों का VVPAT की पर्चियों से मिलान करवाया जाए."
चुनाव आयोग की दलील
कांग्रेस, एसपी, बीएसपी, बसपा, आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, सीपीएम और तेलगु देशम समेत कुल 21 पार्टियों की मांग को गैरज़रूरी और अव्यवहारिक बताते हुए चुनाव आयोग ने दलील दी थी.
* भारतीय सांख्यिकी संस्थान ने पूरे देश में सिर्फ 479 EVM के VVPAT से मिलान को पर्याप्त बताया है. हम 4,125 मशीनों का मिलान करते हैं. ये 8 गुना से भी ज़्यादा है
* अभी हर विधानसभा से 1 EVM के VVPAT से मिलान की प्रक्रिया पूरी तरह सही पाई गई है. याचिकाकर्ता इसमें कोई कमी नहीं बता पा रहे हैं. सिर्फ अपनी धारणाओं के आधार पर याचिका दाखिल की है
* 50 फीसदी मिलान के चलते जगह और स्टाफ की दिक्कत आएगी. VVPAT पर्चियों को गिनने के लिए मतगणना केंद्र में अलग जगह होती है. ज़्यादा गिनती के लिए अलग से बड़ी जगह और ज़्यादा कर्मचारियों का इंतज़ाम मुश्किल होगा
कोर्ट ने अपने आदेश में इन दलीलों को दर्ज किया था. लेकिन चुनाव प्रक्रिया को ज़्यादा भरोसेमंद बनाने की विपक्ष की मांग को भी उचित मानते हुए मिलान को पहले की तुलना में बढ़ा दिया था.
विपक्ष फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
विपक्ष के नेताओं ने एक बार फिर चुनाव प्रक्रिया पर संदेह जताते हुए याचिका दाखिल कर दी. कोर्ट से मामले की खुली अदालत में दोबारा सुनवाई की मांग की. कोर्ट ने इसे मानते हुए आज सुनवाई के लिए लगा दिया. चंद्रबाबू नायडू, फारुख अब्दुल्ला, डी राजा, नीलोत्पल बसु, संजय सिंह जैसे विपक्षी नेता खुद कोर्ट पहुंचे. लेकिन उनकी कोशिशें काम नहीं आईं.
विपक्षी नेताओं की तरफ से दलीलें रखने खड़े हुए अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल कोर्ट को आश्वस्त करने में नाकाम रहे. पिछली बार विस्तृत सुनवाई के बाद दिए आदेश में बदलाव पर कोर्ट सहमत नहीं हुआ.
मामला हाथ से निकलता देख सिंघवी ने कम से कम 25 या 33 फीसदी तक EVM और VVPAT के मिलान की मांग की. लेकिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इसे ठुकराते हुए कहा, "हम नहीं समझते कि आदेश में किसी संशोधन की ज़रूरत है. इसलिए पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है."
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