नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को कहा कि पीएनबी धोखाधड़ी मामले में आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी को हॉन्गकॉन्ग से लाने के संबंध में भारत सरकार वहां के प्रशासन के जवाब का इंतजार कर रही है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हमारे विदेश राज्य मंत्री ने संसद में लिखित उत्तर में कहा था कि नीरव मोदी हॉन्गकॉन्ग में है. हमने उसका आत्मसमर्पण कराने के संबंध में हॉन्गकॉन्ग के प्रशासन से आग्रह किया है.
रवीश कुमार ने बताया कि हॉन्गकॉन्ग के न्याय विभाग को इस बारे में आग्रह किया गया है कि वे हमारे औपबंधिक गिरफ्तारी के आदेश संबंधी आग्रह पर विचार करें. ‘‘हम हॉन्गकॉन्ग प्रशासन के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.’’ उन्होंने बताया कि हमारा हॉन्गकॉन्ग के साथ भगोड़ा अपराधियों के आत्मसमर्पण संबंधी समझौता है जो 1997 में हुआ था.
कुछ ही दिन पहले चीन ने कहा था कि हॉन्गकॉन्ग, भारत के उस आग्रह को मान सकता है जिसमें भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव-चोकसी को गिरफ्तार करने की बात कही गई है. पीएनबी मामले में एक दूसरे आरोपी मेहुल चोकसी को वापस लाने के बारे में एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम पहले भी साफ कर चुके हैं कि ऐसे मामलों में विदेश मंत्रालय का काम तब शुरू होता है जब इनकी स्थिति साफ हो और यह पता हो कि वे कहां हैं. गौरतलब है कि ऐसी खबरें है कि चोकसी अमेरिका में है.
यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री के ब्रिटेन दौरे के दौरान क्या धनशोधन मामले में भारत में वांटेड विजय माल्या के विषय को उठाया जाएगा, विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पश्चिम यूरोप) के नागराज नायडू ने कहा कि भारत से जुड़े सभी विषय एजेंडे में है. उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराध से जुड़े विषय काफी हद तक गृह मंत्रालय के तहत आते हैं और इस संबंध में गृह सचिव और गृह मंत्री स्तर की बातचीत जारी है.