नई दिल्लीः ब्रिटेन के फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी देने के बाद जल्द ही वहां के आम लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन दी जाएगी. ब्रिटेन की दवा और स्वास्थ्य उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) के अनुसार यह वैक्सीन उपयोग में लाने के लिए सुरक्षित है. ब्रिटेन के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अगले सप्ताह से बड़े स्तर पर कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू करने के आदेश दिए हैं. रूस ने 'स्पूतनिक-वी' कोरोना वैक्सीन बनाया है.
इन सबके बीच, भारत में भी वैक्सीन के जल्दी ही आने की संभावना है. देश के सीरम इंस्टीट्यूट में बनाई जा रही वैक्सीन के तीनों चरणों का ट्रायल हो चुका है और इसकी मंजूरी मिलना बाकी है.भारत में वैक्सीन प्रोग्राम पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नज़र रख रहे हैं. इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को वैक्सीन बनाने में लगी तीन कंपिनयों का दौरा भी किया था.
वैक्सीन बनाने में सीरम इंस्टीट्यूट सबसे आगे
देश में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर वैक्सीन बना रही है. इस वैक्सीन का नाम कोविशील्ड है और तीसरे फेज का ट्रायल पूरा हो चुका है. इस वैक्सीन को 60 -70 फीसदी तक कारगर बताया जा रहा है. अब इस वैक्सीन की सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है.
वहीं, भारतीय कंपनी जायडस-कैडिला अहमदाबाद में पूरी तरह से स्वदेसी वैक्सीन बनाने में लगी है. इस वैक्सीन का नाम जायकोव-डी है और इसके दो फेज का ट्रायल हो चुका है.देश में वैक्सीन बनाने में लगी तीसरी कंपनी भारत बायोटेक है. यह आईसीएमआर के साथ मिलकर हैदराबाद में वैक्सीन बना रही है. इसका नाम कोवैक्सीन है और इसके तीसरे फेज के ट्रायल चल रहे हैं.
सितंबर तक मिल सकती है 20-25 करोड़ लोगों को वैक्सीन
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी कह चुके हैं वैक्सीन के पूरी तरह से सुरक्षित होन के बाद ही लोगों को दिया जाएगा. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन भी इस बात की संभावना जता चुके हैं 2021 की पहली तिमाही वैक्सीन आ सकती है और सितंबर तक 20-25 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा सकती है. हालांकि पहले वैक्सीन किन लोगों का दी जाएगी यह अभी तय नहीं हुआ है.
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