Boris Johnson PM Modi: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार ने भारत के आर्थिक भगोड़ों के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है लेकिन कुछ कानूनी पचड़ों ने इस काम को काफी मुश्किल कर दिया है. नीरव मोदी और विजय माल्या को लेकर पूछे गए एक सवाल पर बोरिस जॉनसन ने कहा, ब्रिटिश सरकार चाहती है कि उन्हें मुकदमे के लिए भारत को सौंप दिया जाए क्योंकि वह ऐसे लोगों का स्वागत नहीं करना चाहती, जो ब्रिटेन के कानूनी सिस्टम का इस्तेमाल खुद को यहां भारत में बचाने के लिए करते हैं. जॉनसन ने कहा, 'जिन दो भगोड़ों की आपने बात की, उनके प्रत्यर्पण के मामले में कुछ कानूनी पचड़े हैं, जिनकी वजह से काम बेहद मुश्किल हो गया है. लेकिन ब्रिटिश सरकार ने उनके प्रत्यर्पण का आदेश दे दिया है.'
उन्होंने आगे कहा, हम चाहते हैं कि इन लोगों को मुकदमे के लिए भारत को सौंप दिया जाए. हम ऐसे लोगों का स्वागत करते हैं, जो अपने साथ भारत से काबिलियत और बौद्धिकता लेकर आते हैं. हम ऐसे लोग नहीं चाहते, जो ब्रिटेन के कानून का इस्तेमाल खुद को भारत में बचाने के लिए करते हैं. इससे पहले बोरिस जॉनसन के भारत दौरे को लेकर विदेश सचिव हर्ष शृंगला ने कहा कि आर्थिक भगोड़ों का मामला ब्रिटिश पीएम के सामने उठाया गया. उनकी सरकार ने कहा कि इन भगोड़ों का प्रत्यर्पण उनके लिए बड़ी प्राथमिकता है क्योंकि उन्हें भारत लाकर उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
हर्ष शृंगला ने आगे कहा, हमारा मकसद उन आर्थिक भगोड़ों का भारत वापस लाना है, जो वॉन्टेड हैं. इन लोगों का मुद्दा ब्रिटिश पीएम के सामने बातचीत के दौरान उठाया गया. बता दें कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने सरकारी बैंकों को जमकर चूना लगाया. भारत सरकार ने पिछले महीने संसद को बताया था कि इन लोगों ने अपनी कंपनियों के जरिए 22,585 करोड़ों रुपये का घोटाला किया है.