केंद्र सरकार वक्फ एक्ट में बड़े संशोधन करने जा रही है, जिसके लिए सरकार इसी सत्र में संशोधन विधेयक लाने पर भी विचार कर रही है. सरकार के इस फैसले को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और नेताओं ने आपत्ति जताई और कड़े शब्दों में इसका विरोध किया है. इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने संशोधन को वक्फ और वक्त की जरूरत बताया है. उन्होंने कहा कि वक्फ सिस्टम को टच मी नोट की सोच, सनक और संकीर्ण सियासत से बाहर लाना होगा. 


मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस लंबी बीमारी का लॉजिकल हल निकालना जरूरी है. उन्होंने कहा कि पहले इसे लेकर संशोधन किए गए, लेकिन वक्त के साथ यह बीमारी इलाज के बजाय लाइलाज होती गई. शुक्रवार (2 अगस्त, 2024) को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के बाद सरकार वक्फ एक्ट में 40 संशोधनों के प्रस्ताव को संसद में पेश करेगी. संसद में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद वक्फ बोर्ड की अनियंत्रित शक्तियां कम हो जाएंगी. बोर्ड किसी भी संपत्ति पर बिना सत्यापन आधिपत्य घोषित नहीं कर सकेगा.


मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'जो वक्फ व्यवस्था है, उसको टच मी नोट की सोच, सनक और संकीर्ण सियासत से बाहर लाना होगा. अगर आप उसी संकीर्ण सियासत, सोच और सनक में रहेंगे और वक्फ सिस्टम को टच मी नोट के साथ रखेंगे कि छू नहीं सकते, छुईमुई है.' उन्होंने आगे कहा, 'हर समावेशी सुधार में सांप्रदायिक सुधार की जो आपकी सनक है वो न तो मुल्क के लिए बेहतर है और न ही मजहब के लिए बेहतर है. एक लंबी समस्या का एक एंडिंग सॉल्यूशन जो है वो वक्फ के लिए भी बेहतर है और वक्त के लिए भी बेहतर है.'


मुख्तार अब्बास नकवी ने आगे कहा कि पहले लंबी बीमारी के इलाज के लिए अलग-अलग संशोधन करते रहे, लेकिन ये बीमारी इलाज के बजाय लाइलाज होती गई. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं मालूम की सरकार की तरफ से इसमें क्या प्रोपोजल है, लेकिन मैं मानता हूं कि ये जरूरी है और ऐसी लंबी समस्या के लिए लॉजिकल एंडिंग सॉल्यूशन देश के हित में भी है और खुद वक्फ के हित में भी है.'


वक्फ एक्ट में संशोधन का विरोध करने वालों को लेकर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कुछ लोगों की आदत है कि हर समावेशी सुधार पर, हर संवैधानिक सुधार पर सांप्रदायकिता लाएं. इस तरह के विरोध करने के अब ये लोग तो इसके बहुत ही पुराने खिलाड़ी बन गए हैं.


यह भी पढ़ें:-
Waqf Board Act: संसद में कब पेश होगा वक्फ बोर्ड संशोधन बिल? सामने आई ये तारीख