Waqf Amendment Bill Email: वक्फ संशोधन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सुझाव के लिए 1 करोड़ से ज्यादा ईमेल मिले हैं. इसे लेकर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने किसी साजिश की आशंका जताई है. विनोद बंसल ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "इतने जिहाद के बाद अब यह ईमेल जिहाद है. जाकिर और अन्य भारत विरोधी कम्युनिस्ट और जिहादी ताकतों का प्रवेश साफ तौर से सक्रिय देखा गया था, जबकि प्रक्रिया चल रही थी."


भारत विरोधी टूल किट का इस्तेमाल


उन्होंने आगे लिखा, "जिहादी वक्फ बोर्ड में शामिल संयुक्त संसदीय समिति को अवैध रूप से प्रभावित करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. इस जिहादी टूलकिट को उजागर किया जाना चाहिए."


विनोद बंसल ने लिखा, "जेपीसी को जब सुझाव भेजे जा रहे थे उस समय ज़ाकिर नाइक, कम्युनिस्ट, जिहादी और पाकिस्तानी एजेंट जिस प्रकार अति सक्रिय रुप से भारतीय मुसलमानों को भड़काने में लगे थे, उसी से स्पष्ट हो रहा था कि इसमें कोई ना कोई घपला होने वाला है. अब यदि इतनी बड़ी संख्या में मेल आए हैं तो एक बात तो स्पष्ट है कि ये काम किसी भारत विरोधी टूल किट का ही हो सकता है. जांच व कार्यवाही ज़रूरी है."






जांच की मांग


विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान जेपीसी को इतने बड़े पैमाने पर मिले एक जैसे सुझावों के पीछे एक बड़े षड्यंत्र की आशंका जाहिर करते हुए कहा कि गृह मंत्रालय को इन सुझावों के जिहादी और देश विरोधी एंगल की जांच करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जेपीसी द्वारा लोगों और संगठनों के सुझाव आमंत्रित किए जाने के बाद जिस तरह से जाकिर नाइक जैसे कट्टरपंथी और विदेशी ताकतें सक्रिय हो गई थी, उसे देखते हुए इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि कहीं किसी भारत विरोधी टूल किट गैंग ने एआई जैसी तकनीक का इस्तेमाल करके इतने बड़े पैमाने पर सुझाव भिजवाने का काम तो नहीं किया है.


इससे पहले जेपीसी के वरिष्ठ सदस्य निशिकांत दुबे ने बुधवार (25 सितंबर) को बड़ा दावा करते हुए इन सुझावों के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश की ओर इशारा करते हुए समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को पत्र लिखा है.


ये भी पढ़ें:


चर्बी के इस्तेमाल की खबर का भी बिक्री पर नहीं पड़ा असर! दनादन बिक रहे तिरुपति मंदिर के लड्डू