वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करने के मकसद से लाए गए वक्फ संशोधन बिल पर केंद्र सरकार लोगों से सुझाव मांग रही है. लोग अपने सुझाव जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को भेज रहे हैं. इस बीच मुस्लिम और हिंदू समुदाय के कुछ लोगों ने अपने-अपने QR Code जारी किए, जिसके जरिए लोग अपने सुझाव और आपत्तियां सरकार को भेज सकते हैं. देश में बहुत सारे मुसलमान अलग-अलग QR Code वाले बैनर लेकर कई इलाकों में गए और लोगों से QR Code स्कैन करके वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ अपनी आपत्तियों को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को भेजने के लिए कहा.


पिछले महीने लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल भेजा गया था, जिसके कुछ प्रावधानों पर विपक्षी दलों की आपत्तियों के बाद इसे जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेज दिया गया था. इसके बाद जेपीसी ने जनता से सुझाव मांगे. बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग बिल के खिलाफ ईमेल भेजकर अपनी आपत्तियां दर्ज करा रहे हैं. अब तक सुझावों को लेकर 84 लाख ईमेले जेपीसी को मिल चुके हैं और लिखित सुझाव के 70 बॉक्स भी जेपीसी के पास आए हैं. इसे सरल बनाने के लिए मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने आपत्ति दर्ज कराने के लिए QR Code जारी किए, जिसमें स्कैन करके सिर्फ 'PRESS' बटन दबाना था और फिर अपने ईमेल के जरिए वह अपनी आपत्ति और सुझाव भेज सकते थे.


मुस्लिम समुदाय के इस कदम के बाद हिंदू समाज से भी कुछ लोगों ने भी एक QR Code तैयार कर दिया. गणेश चतुर्थी के दौरान पंडालों में ये QR Code लगे हुए देखे गए थे. तेलंगाना के गोशामहल से भारतीय जनता पार्टी के विधायक टी राजा ने एक गणेश पंडाल में लोगों से QR Code स्कैन करके बिल के पक्ष में मेल करने की अपील की थी.


उन्होंने कहा, 'वक्फ बोर्ड के माध्यम से वक्फ के नाम पर बहुत सारे मंदिरों और जनता की जमीनें कब्जा की गई हैं. तो केंद्र सरकार ने एक बहुत अच्छा निर्णय लिया कि वक्फ बोर्ड में संशोधन करने के लिए जनता की राय पूछी जाए. आप सबको एक लिंक आया होगा. उसमें आपको मेल करना है कि संशोधन होना है या नहीं होना है. लोग गणेश पंडाल में घूमकर आग्रह कर रहे हैं कि अपनी राय मेल के माध्यम से केंद्र को भेज सकते हैं, तो मैं चाहता हूं कि जितने लोग यहां उपस्थित हैं वे QR Code के जरिए अपनी राय भेजें.


जेपीसी ने सुझाव देने की आखिरी तारीख 16 सितंबर रात 12 बजे तक के लिए बढ़ा दी थी. जेपीसी की अगली बैठक 19 और 20 सितंबर को होगी. 19 सितंबर को पटना लॉ कालेज के वीसी के साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अधिकारी को बुलाया गया है.


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