Waqf Amendment Bill: वक्फ विधेयक संशोधन इस शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है, जिसको लेकर राजनीति अपने चरम पर है. विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं. ताजा घटनाक्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव नसीर अहमद ने सोमवार (25 नवंबर) को कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, मुस्लिम समुदाय के विद्वानों और नेताओं के साथ मिलकर वक्फ विधेयक में संशोधन का विरोध करेगा, जिसे केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने की कोशिश कर रही है.


उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के पास वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ लड़ने के अलावा कोई अन्य उपाय नहीं बचा है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक कर्नाटक में हो रही है. दिल्ली मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के विद्वान भी दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित करेंगे, जिसमें उस विधेयक पर चर्चा की जाएगी, जिसे केंद्र सरकार भारत में मुस्लिम समुदाय पर लागू करने की कोशिश कर रही है."


‘वक्फ बिल थोपने की कोशिश की जा रही’


अहमद ने कहा, "हम भारत में अल्पसंख्यकों और मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि हैं. हम सभी केंद्र सरकार से वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा करने की मांग कर रहे हैं. सरकार के साथ-साथ जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) भी इस कानूनी बाधा में मुस्लिम समुदाय का समर्थन करने के बजाय उसे थोपने की कोशिश कर रही है."


‘मुसलमानों के मुद्दों पर विचार नहीं कर रही सरकार’


कांग्रेस एमएलसी अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक जेपीसी गठित की है और इसमें केवल उनके गुट के वे नेता शामिल हैं जो भारत में मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार जो मौजूदा कानून में संशोधन लाने पर अड़ी हुई है, वह मुस्लिम समुदाय से जुड़े विचारों और मुद्दों पर विचार नहीं कर रही है."


कांग्रेस नेता ने कहा, "यही कारण है कि आज बेंगलुरू में दिल्ली से आए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें इस बात पर चर्चा की जाएगी कि अगर केंद्र सरकार अल्पसंख्यक समुदाय पर कानून थोपने और लागू करने का प्रयास करती है तो भविष्य की क्या रणनीति होगी."


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